अमृतसर: बीते रोज़ पंजाब के अमृतसर से दिल दहला देने वाली खबर आई. अमृतसर के जोड़ा फाटक पर रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई. अब हादसे के एक दिन बाद इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. रावण दहन के आयोजकों और पुलिस-प्रशासन की गलती की विवेचना के बीच अब सवाल सेल्फी को लेकर भी खड़े हो रहे हैं. दरअसल जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त वहां खड़े कई  लोग अपने मोबाइल फोन से सेल्फी ले रहे थे. सेल्फी लेने का ये जुनून लोगों को इतना भारी पड़ेगा इस बात की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.


सेल्फी के जुनून में जिंदगी खत्म !


कल रेल हादसे में 59 लोगों की जान चली गई. हादसे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस हादसे के लिए कोई सरकार को दोष दे रहा है तो कोई रेलवे को और कोई पुलिस-प्रशासन को. भारत में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई रेल हादसा ऑन कैमरा रिकॉर्ड हुआ हो. इस सारे हादसे को अलग-अलग ऐंगल से देखा जा रहा है. लेकिन इन सब में जो गौर करने वाली बात सामने आई वो ये है कि हादसे के वक्त वहां मौजूद ज्यादातर लोग वीडियो बनाने और सेल्फी लेने में बिजी थे.


अमृतसर में दिल दहला देने वाले इस हादसे के लिए मोबाइल फोन को भी गुनहगार माना जा रहा है. इस बात पर एकदम यकीन करना मुश्किल है. लेकिन हादसे की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे साफ अंदाजा लग रहा है कि मोबाइल से वीडियो बनाने और सेल्फी लेने का शौक कई लोगों की जान पर भारी पड़ गया. जलते रावण को मोबाइल में कैद करने की धुन के आगे लोगों ने किसी बात का ध्यान ही नहीं रखा. लोगों को यह भी आभास नहीं हुआ कि मौत 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उनकी तरफ आ रही है.


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