Sudhir Suri Murder: कल शुक्रवार (4 नवंबर) को अमृतसर में शिवसेना टकसाली के नेता सुधीर सूरी के हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अमृतसर पुलिस को हत्या के पीछे खालिस्तानी साजिश होने का अभी कोई सबूत नहीं मिला है. संदीप सिंह ने सुधीर सूरी ने पर गोली पर गोलियां चलाई थी. हैरानी की बात ये है कि इसे पहले संदीप सिंह कभी भी संदीप सूरी से नहीं मिला था.


वो सिर्फ सूरी के सोशल मीडिया पर आने वाले बयानों से वो आहत था. पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि संदीप सिंह ने सुधीर सूरी को पहली बार शुक्रवार को तब देखा था. जब शिवसेना नेता गोपाल मंदिर के बाहर कुछ साथियों के साथ मंदिर मैनेजमेंट के खिलाफ सफाई के मुद्दे पर धरना देने पहुंचा था. 


सूरी पर पांच गोलियां चली
संदीप सूरी ने धरना दोपहर 3 बजे शुरू किया था. 3 बजकर 20 मिनट पर पुलिस वहां पहुंच गई थी. 31 साल के संदीप सिंह की पास में ही गारमेंट शॉप थी. पुलिस की मौजूदगी में संदीप सिंह दुकान से निकलकर घटनास्थल पर आया. थोडी देर घूमता रहा तब पुलिस प्रदर्शन को खत्म करने को लेकर बातों में उलझी हुई थी. तभी संदीप ने मौका पाकर सुधीर सूरी पर पांच गोलियां चला दी. संदीप ने अपने 32 बोर के लाइसेंसी हथियार से गोलियां चलाई. संदीप को पांच साल पहले ही गन का लाइसेंस मिल चुका था.


सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश
पंजाब के सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने के लिए विदेशों से खालिस्तानी और उनके समर्थक गैंगस्टर सोशल मीडिया पर सुधीर सूरी की हत्या करवाने के दावे कर रहे हैं. ऐसा कोई केस नहीं हुआ जब हत्या की ऐसी साजिश को अंजाम देने के लिए लाइसेंसी हथियार से पुलिस की मौजूदगी में हत्या की गई हो.


साजिश के तहत हत्या करने में रेकी से लेकर नाजायज हथियार मुहैया करवाने की प्लानिंग होती है. वारदात को अंजाम देकर पुलिस से बचने और मौका ए वारदात पर सबूत ना छोड़ने का प्लान बनता है. वारदात करने वाले को बचाने के लिए मददगार होता है. सुरक्षित ठिकाने ढूंढे जाते हैं.


खालिस्तानी गैंगस्टर के दावे कमजोर
गोपाल चावला और गैंगस्टर लखबीर लंडा के दावे पर गलत माने जा रहे है. हत्या में ना हथियार दिया गया, ना रुकी हुई, ना पैसे आए, ना भागने की कोशिश हुई. हमलावर ने लाइसेंसी हथियार से पुलिस की हाजिरी में सरेआम गोली मार दी. किसी वारदात को गैंगस्टरों या उनके भाडे़ के टटुओं ने पहले कभी अंजाम दिया? हमलावर संदीप सिंह ने सुधीर सूरी को पहली बार देखा और गोली मार दी. सिर्फ सोशल मीडिया पर अनाप शनाप बोलने पर. 


संदीप सूरी को Y कैटेगरी मिली हुई थी.
सुधीर सूरी की जुबान के कारण गैंगस्टरों के कई गुर्गे उसकी रेकी कर चुके थे, इसलिए सूरी को पंजाब पुलिस ने वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी थी. गोपाल चावला और लखवीर लंडा जैसे इस हत्याकांड के लिए अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश में लगे हैं. जो पंजाब में दो वर्गों को लड़ाने के लिए आग का काम कर सकता है. पंजाब पुलिस को हमलावर के आईएसआई या गैंगस्टरों के लिंक में होने के प्रमाण नहीं मिले हैं. संदीप को 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है.


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