Amitabh Bachchan-BMC News: बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और उनकी पत्नी जया बच्चन (Jaya Bachchan) को उनके बंगले ‘प्रतीक्षा’ को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के खिलाफ तीन हफ्ते तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. साथ ही कोर्ट ने बच्चन दंपति को  निर्देश दिया कि वह जुहू में उनके बंगले ‘प्रतिक्षा’ के एक हिस्से के अधिग्रहण के लिए जारी नोटिस के खिलाफ बीएमसी को अभ्यावेदन दाखिल करें.


अमिताभ-जया ने इसी हफ्ते किया था हाई कोर्ट का रूख


बच्चन दंपति ने बीएमसी की ओर से जारी नोटिस को चुनौती देते हुए इस सप्ताह की शुरुआत में हाई कोर्ट का रुख किया था. न्यायमूर्ति आरडी धनुका और न्यायमूर्ति एसएम मोदक की खंडपीठ ने उन्हें दो हफ्ते के भीतर बीएमसी को एक अभ्यावेदन दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा, “जब अभ्यावेदन दाखिल हो जाएगा तो बीएमसी छह हफ्ते बाद इस पर सुनवाई कर निर्णय लेगी. निर्णय होने के बाद याचिकाकर्ताओं के खिलाफ तीन सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.”






अदालत ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर बच्चन दंपति के वकीलों की व्यक्तिगत सुनवाई भी की जा सकती है. याचिका में बीएमसी के नोटिस को रद्द करने और नगर निकाय को भूमि अधिग्रहण की दिशा में कोई कार्रवाई करने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी करने की मांग की गई थी. बच्चन दंपति को 20 अप्रैल 2017 को दो नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि उनकी आवासीय संपत्ति के पास के भूखंडों के कुछ हिस्से सड़क की नियमित लाइन के भीतर हैं और बीएमसी का इरादा संबंधित दीवारों व संरचनाओं के साथ ऐसी जमीन का अधिग्रहण करने का है.


सड़क को चौड़ा करने का है मामला


बच्चन दंपति ने बीएमसी कार्यालय पहुंचकर नोटिस के बारे में जानकारी जुटाने और नगर निकाय के अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा करने के लिए अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति की थी. प्रतिनिधिनयों ने बीएमसी अधिकारियों को बताया कि नगर निकाय के लिए भूखंडों की विपरीत दिशा में सड़क को चौड़ा करना आसान होगा.


बच्चन दंपति की याचिका में कहा गया है कि 28 जनवरी 2022 तक चार साल नौ महीने की अवधि के लिए बीएमसी द्वारा नोटिस पर अमल के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. याचिका के मुताबिक, इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने मान लिया कि जारी किए गए नोटिस को वापस ले लिया गया है और यही कारण है कि कोई औपचारिक आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई. इसमें कहा गया है कि 28 जनवरी 2022 को कुछ बीएमसी अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं को मौखिक रूप से सूचित किया कि उन्होंने प्रस्तावित नोटिस पर अमल का प्रस्ताव रखा है और जल्द ही नोटिस में निर्धारित भूखंडों के एक हिस्से का अधिग्रहण कर लिया जाएगा.


याचिका के अनुसार, प्रस्तावित नोटिस में भूखंडों पर मौजूद भवन संरचनाओं पर ध्यान नहीं दिया गया है, जिन्हें एमएमसी अधिनियम के तहत ढहाया नहीं जा सकता है. इसमें दावा किया गया है कि बीएमसी ने उसी दिशा में मौजूद अन्य भूखंडों के मालिकों को कोई नोटिस जारी नहीं किया है और सड़क के उस हिस्से को चौड़ा करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो नगर निकाय की कार्रवाई में असमानता को दर्शाता है.


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