Amit Shah on Naxalism: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि बिहार और झारखंड के क्षेत्रों से नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है. उन्होंने दावा किया कि इन क्षेत्रों में नक्सलवाद (Naxalism) खत्म हो गया है. गृहमंत्री ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका के लिए सशस्त्र सीमा बल की सराहना भी की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नक्सलियों के खिलाफ सख्ती से ऑपरेशन के कारण बिहार और झारखंड क्षेत्रों में नक्सलवाद समाप्त हो गया है. 

बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने आज किशनगंज (Kishanganj) में एसएसबी की पांच सीमा चौकियों का उद्घाटन किया.

बिहार-झारखंड से नक्सलियों का सफाया-शाह

अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में व्याप्त नक्सलवाद के खिलाफ एसएसबी के जवानों ने कड़ी लड़ाई लड़ी है. नतीजतन, बिहार और झारखंड क्षेत्रों में नक्सलवाद समाप्त होने के कगार पर है, हम यह भी कह सकते हैं कि यह यहां समाप्त हो गया है. गृह मंत्री ने कहा कि नेपाल और भूटान के साथ खुली सीमा के कारण एसएसबी की ड्यूटी सबसे कठिन है. खुली सीमा हो तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है. भले ही संबंध कितने भी मैत्रीपूर्ण क्यों न हों, भले ही पड़ोसी देशों की मंशा न हो.

एसएसबी की ड्यूटी आसान नहीं-शाह

गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बैठकर कोई सोचता है कि आपका सबसे आसान काम है क्योंकि हमारे दोनों देशों नेपाल और भूटान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, लेकिन जब कोई सीमा पर आता है, तो हमें एहसास होता है कि आपकी ड्यूटी काफी कठिन है क्योंकि यह एक खुली सीमा है. समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं जो गलत ढंग से कमाई के लिए खुली सीमाओं का इस्तेमाल करते हैं. चाहे वह तस्करी, पशु तस्करी या घुसपैठ हो. 

'लालू-नीतीश की जोड़ी का जनता करेगी सफाया'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किशनगंज के सुभाषपल्ली चौक स्थित बूढ़ी काली माता मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस बीच, नीतीश कुमार पर बोलते हुए, शाह ने शुक्रवार को 'जन भावना महासभा' की रैली को संबोधित किया और कहा कि राज्य के लोग 2024 के आम चुनावों में लालू-नीतीश की जोड़ी का सफाया कर देंगे. उन्होंने दावा किया कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ हमारी सरकार बनेगी.

शाह का नीतीश-लालू पर तंज

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) किसी राजनीतिक विचारधार के पक्ष में नहीं है. वो समाजवाद छोड़ लालू जी के साथ जा सकते हैं, जातिवाद की राजनीति कर सकते हैं, वामपंथी के साथ भी बैठ सकते हैं. नीतीश की एक ही नीति है कि उनकी कुर्सी बरकरार रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि फिर से प्रदेश जंगल राज की तरफ बढ़ रहा है.

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