दिल्ली के एक अस्पताल में 32 वर्षीय अमेरिकी महिला के शरीर से डॉक्टरों ने तीन जिंदा कीडे़ निकाले हैं. ये दावा अस्पताल के डॉक्टरों ने किया है. अमेरिकी महिला दो महीने पहले अमेजन के जंगलों का दौरा किया था. महिला में मयाइसिस (ह्यूमैन बॉटफ्लाई) की पुष्टि होने के बाद सफलतापूर्वक इलाज किया गया. ऑपरेशन के बाद 2 सेंटीमीटर आकार के तीन जिंदा कीडे़ (बॉटफ्लाई) निकाले गए.


बॉटफ्लाई (मयाइसिस) एक छोटा कीड़ा होता है जो आसानी से इंसानों के शरीर में घुस जाता है. ये धीरे-धीरे नरम झिल्लियों को कुतरकर उसके नीचे की संरचनाओं को निगल जाता है. महिला को पलकों के पीछे कुछ चलता हुआ महसूस हो रहा था. महिला ने दाहिनी आंख के ऊपर सूजन की शिकायत के साथ पहले अमेरिका में डॉक्टरों को दिखाया. पलकों के पीछे कुछ चलता हुआ महसूस हो रहा था. लेकिन वहां मयाइसिस का इलाज नहीं हो सका. इसके बाद महिला इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल पहुंची.


'मयाइसिस एक दुर्लभ मामला है'
वसंत कुंज में फोर्टिस अस्पताल के सलाहकार और आपातकालीन विभाग के प्रमुख डॉ मोहम्मद नदीम ने कहा, "यह मयाइसिस का एक बहुत ही दुर्लभ मामला था. ऐसे मामलों में बिना देरी के तुरंत इलाज करना चाहिए. महिला एक अमेरिकी नागरिक थी, उन्होंने दो महीने पहले अमेजन जंगल का दौरा किया था." 


सर्जरी विभाग के डॉ नरोला यंगर ने महिला के शरीर से 2 सेंटीमीटर आकार के तीन जीवित बॉटफ्लाइज निकालने में कामयाबी हासिल की. एक जीव दाहिनी ऊपरी पलक से, दूसरा जीव गर्दन के पीछे से और तीसरा दायीं बाजू के अगले भाग से निकाला गया. सर्जरी 10-15 मिनट में पूरी कर ली गई और इसके बाद महिला को निर्धारित दवाएं देकर छुट्टी दे दी गई. इस तरह के मामले पहले भी मध्य, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के कुछ इलाकों में सामने आए हैं. भारत में ऐसे मामले ज्यादातर ग्रामीण इलाकों से और खासकर बच्चों में सामने आते हैं जहां बॉट मक्खियां नाक के रास्ते से या त्वचों के घावों के जरिए शरीर में प्रवेश करती हैं. यदि बॉटफ्लाई को निकाला नहीं गया होता, तो ये विनाशकारी साबित हो सकता था. जिसके परिणामस्वरूप महिला की मौत भी हो सकती थी.


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