AMCA Programme: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच भारत के रक्षा मंत्रालय ने फिफ्थ जेनरेशन के स्टील्थ फाइटर जेट एमका के निर्माण को मंजूरी दे दी है. खास बात है कि पहली बार देश की प्राइवेट कंपनियों को भी इस पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को बनाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेने की मंजूरी दी गई है. देश की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) पहले ही एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए यानी एमका) का डिजाइन और मॉडल तैयार कर चुकी है.
खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एमका प्रोग्राम को मंजूरी की जानकारी साझा की है. राजनाथ सिंह के मुताबिक, फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट के लिए पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर, दोनों को बराबरी की प्रतिस्पर्धा का मौका दिया गया है. स्टील्थ फाइटर जेट के लिए भारतीय कंपनियां (प्राइवेट और सरकारी), अकेले एमका को तैयार कर सकती हैं या फिर ज्वाइंट वेंचर या फिर कॉन्सर्टिया (कई कंपनियों के साथ मिलकर) के तहत ऐसा कर सकती हैं.
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम कदम
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, जल्द ही एडीए (आडा) एमका डेवलपमेंट फेज के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी करेगी, जो किसी भी रक्षा सौदे के टेंडर के लिए पहला चरण होता है. इसके तहत, कंपनियां पहले एमका फाइटर जेट का प्रोटो-टाइप तैयार करेंगी. राजनाथ सिंह के मुताबिक, एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम है. दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, जे-35 का सौदा किया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के हाथों मिली करारी हार के बाद, खबर है कि चीन ने जे-35 की डिलीवरी जल्द करने का भरोसा दिया है. करार के तहत पाकिस्तान को चीन से 40 जे-35 फाइटर जेट मिलने जा रहे हैं और अगले छह महीने में डिलीवरी शुरु हो सकती है.
कैसा होगा स्वदेशी एमका
एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका), एक मध्यम वजन का मल्टी रोल, टू-इन यानी दो इंजन वाला विमान होगा, जिसे डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने डिजाइन किया है. करीब 25 टन के इस पांचवे श्रेणी के लड़ाकू विमान के प्रोजेक्ट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने 15 हजार करोड़ आवंटित किए हैं.
शुरूआत में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर एडीए स्वदेशी एमका को बनाने की तैयारी कर रहा था. लेकिन इसे बनने में करीब एक दशक का समय लग सकता है यानी 2035 से पहले इसकी पहली फ्लाइंग मुश्किल दिखाई पड़ रही थी. यही वजह है कि रक्षा मंत्रालय ने अब इसमें प्राईवेट कंपनियों को शामिल किया है.
एआई से युक्त एमका होगा बेहद घातक
डीआरडीओ का दावा है कि एमका जब बनकर तैयार हो जाएगा, तब अपने श्रेणी के सबसे आधुनिक और घातक स्टील्थ फाइटर जेट में से एक होगा. माना जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की पावर से युक्त इलेक्ट्रोनिक पायलट, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम, इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट और इंटरनल-बे के साथ ये दुश्मन के लिए बेहद घातक साबित होगा. एआई-पावर इलेक्ट्रोनिक पायलट में मल्टी सेंसर डाटा फ्यूजन है ताकि आसपास की स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा सके. साथ ही पायलट भी तुरंत कार्रवाई कर सके और टारगेट भी सटीक लगाया जाए. बेहद कम विजिविलटी में एमका से ऑपरेशन किया जा सकेंगे.
एमका का मॉडल इसी साल आया सामने
इसी साल फरवरी में बेंगलुरु में आयोजित एयरो-इंडिया प्रदर्शनी में एडीए ने एमका का फुल-स्केल मॉडल प्रदर्शित किया था. इस मॉडल को ही असल एमका में परिवर्तित किया जाएगा.
अमेरिका और रूस देना चाहते हैं अपने-अपने फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट
एयरो-इंडिया में रूस का सु-57 स्टील्थ फाइटर जेट और अमेरिका का फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट, एफ-35 लाइटनिंग ने हिस्सा लिया था. ऐसे में ये कयास लगने लगे थे कि क्या भारत इनमें से किसी एक को लेने का मन बना रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि स्वदेशी एमका को भारतीय वायुसेना में शामिल होने में अभी पूरा एक दशक लग सकता है. हालांकि, सीसीएस ने प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए पांच साल का वक्त दिया है.
भारत ने अभी स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने या किसी दूसरे के साथ बनाने के लिए कोई प्लान तैयार नहीं किया है, लेकिन रूस ने पांचवें श्रेणी के फाइटर जेट के डिजाइन तैयार करने में मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा दिया है. रूस ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो मेक इन इंडिया के तहत भी सु-57 का निर्माण भारत में किया जा सकता है. अमेरिका ने सीधे तौर से एफ-35 ऑफर का नहीं किया है लेकिन एयरो-इंडिया में हिस्सा लेने का एक बड़ा उद्देश्य, ये भी था कि भारत को स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने में दिलचस्पी पैदा की जाए.
एयरोस्पेस सेक्टर में भी भारत के सामने टू-फ्रंट चुनौती
पिछले साल नबम्बर में चीन ने दुनिया के सामने अपने दूसरे स्टील्थ फाइटर जेट जे-35 ‘शेनयांग’ को पेश किया था. फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट -35 को चीन ने ‘ज़ुहाई एयर शो’ (12-17 नवंबर 2024) में आधिकारिक तौर से पेश किया था.
चीन अपने जे-35 को अमेरिका के एफ-35 के मुकाबले मैदान में उतारना चाहता है. ज़ुहाई एयर शो से पहले जे-35 की आसमान में उड़ान भरते हुए तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर चीन ने पाकिस्तान जैसे देशों को एक्सपोर्ट करने की मंशा भी जाहिर कर दी थी. एयर शो के दौरान ही माना जा रहा था कि जे-35ए को चीन, मित्र-देशों को निर्यात करेगा.
पाकिस्तानी वायुसेना पहले से ही चीन के जेएफ-17 और जे-10 फाइटर जेट इस्तेमाल करती है. जे-35 के शामिल होने से पाकिस्तानी वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होने का अंदेशा है. माना जा रहा है कि पाकिस्तानी फाइटर पायलट ने चीन में जे-35 पर ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी है.
तुर्की ने भी तैयार किया कान फाइटर जेट
पाकिस्तान ने टर्की (तुर्किए) से भी आधुनिक कॉम्बैट ड्रोन बायरेक्टर खरीदे हैं और भारत की सीमा से सटे लाहौर के करीब एक एयर बेस पर तैनात किए हैं. ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने तुर्की का दौरा किया था. तुर्की ने भी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट कान (केएएएन) बनाने का दावा किया है.
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