Amarnath Yatra News: अमरनाथ यात्रा के समापन में केवल दो हफ्ते शेष रह गए है. कश्मीर में पवित्र छड़ी मुबारक की अंतिम पूजा अनुष्ठान शुरू हो गया है. श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी एरिना गंगा में कल (15 अगस्त) रात हुए छड़ी-मुबारक अनुष्ठान करने के बाद सुबह ऐतिहासिक पुरातत्व मंदिर विशेष पूजा हुई. 

16 अगस्त को दशनामी ढोल में छड़ी-पूजन करने के बाद, महंत दीपेंद्र गिरी पूजा करने के लिए पवित्र गदा को यंग के पवित्र तीर्थ में ले जाएंगे और 'श्रावण पूर्णिमा' की सुबह पवित्र गुफा पर 'दर्शन' करेंगे. इसके बाद शारिका भवानी मंदिर ले जाएंगे जहां 21 अगस्त को पूजा होगी.

जानें रक्षाबंधन से इसका क्या है नाता ?अंतिम यात्रा रात्रि 27 और 28 अगस्त को पहलगाम में, 29 अगस्त को चंदनवाड़ी में, 30 अगस्त को शेषनाग में और 31 अगस्त को पंचतरणी में होगी. महंत ने बताया कि साधुओं और नागरिक समाज के सदस्यों को तीर्थयात्रा के दौरान केवल वैध यात्रा वाले पंजीकृत तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण करने की सलाह दी जाती है, जो छड़ी-मुबारक में शामिल होने का इरादा रखते हैं. तीसरी पुरानी परंपरा 'भूमि-पूजन', 'नवग्रह पूजन' और 'ध्वजारोहण' है. जो कि श्री-मुबारक स्वामी यंगस्टर जी की वार्षिक तीर्थयात्रा की पारंपरिक परंपरा से जुड़े हैं.

62 दिवसीय अमरनाथ यात्राअमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई थी और 31 अगस्त को रक्षा बंधन त्योहार के साथ समाप्त होगी. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालु पवित्र गुफा तक दो रास्तों से पहुंचते हैं. यात्री या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर वाले पहलगाम मार्ग (43 किलोमीटर) से या उत्तरी कश्मीर वाले बालटाल आधार शिविर से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं. दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. इस साल 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा है.

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