दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच LG निवास पर हुई सर्वदलीय बैठक, सभी पार्टियों ने रखे अपने सुझाव
अंकित गुप्ता | 09 Jun 2020 06:56 PM (IST)
बैठक में इस बात की आशंका भी जाहिर की गई कि जुलाई अंत तक दिल्ली में मामले 5 लाख के पार भी हो सकते हैं. बैठक में कोरोना को रोकने, इलाज की व्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई.
नई दिल्लीः देश की राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उपराज्यपाल निवास पर हुई बैठक में इस बात की आशंका भी जाहिर की गई कि जुलाई अंत तक दिल्ली में मामले 5 लाख के पार भी हो सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उपराज्यपाल ने आज दिल्ली में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई. इस सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने सुझाव दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के सामने रखें. बीजेपी ने दिए सुझाव वॉलिंटियर्स की नियुक्ति से लेकर क्वारंटीन सेंटर बनाने तक की जरूरत बैठक के दौरान बीजेपी की तरफ से दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा की दिल्ली में मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और यह चिंता का विषय है. जरूरत इस बात की है कि जल्द से जल्द कदम उठाते हुए नए क्वारंटीन सेंटर बनाएं जाए, इसके साथ ही मरीजों की मदद के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में वॉलिंटियर्स की नियुक्ति की जाए. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, “मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी है कि ज्यादा टेस्टिंग हो और जिन निजी अस्पतालों को कोरोना जांच के लिए तैयार किया गया है उनके बिल पर कैप लगाई जाए यानी कि एक अधिकतम सीमा तय की जाए, क्योंकि आज की तारीख में अधिकतर अस्पताल 5 लाख से 15 लाख रुपये तक वसूल रहे हैं. रही बात केजरीवाल सरकार के इस आरोप की बाहर से लोग आकर इलाज करवाने लगेंगे और अस्पताल के बेड भर जाएंगे तो वह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. क्योंकि आज की तारीख में दिल्ली के जो हालात हैं दिल्ली में लोग बाहर से आने से डर रहे हैं.” कांग्रेस ने टेस्टिंग पर जोर देने और क्वॉरेंटाइन में रह रहे हैं लोगों को मुआवजा देने की वकालत की वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में टेस्टिंग लगातार कम होती जा रही है जिससे यह पता कर पाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है. दुनिया के बाकी देशों ने टेस्टिंग के जरिए ही पता लगाकर हालात काबू किए हैं जबकि दिल्ली में टेस्टिंग को ही कमजोर किया जा रहा है लिहाजा टेस्टिंग पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन के आंकड़ों को भी जनता के सामने लाया जाना चाहिए जिससे कि सच्चाई का पता चल सके. कांग्रेस ने इसके साथ ही जो लोग लंबे समय से क्वारंटीन में हैं उनको मुआवजा दिए जाने की बात भी की है क्योंकि क्वारंटीन में रहने के चलते मकाज पूरी तरह ठप हो जाता है. इसके अलावा एक ऐसा सेंट्रलाइज्ड सिस्टम बनाया जाए जिससे कि लोगों को किस अस्पताल में बेड खाली है और कहां उनको दाखिला मिल सकता है यह उस सिस्टम के जरिए पता चल जाए और जरूरत के वक्त पर उस सिस्टम के जरिए ही आसानी से दाखिला हो पाए. आम आदमी पार्टी ने बैठक में उठाए एलजी के फैसलों पर सवाल वही इस सर्वदलीय गली बैठक में मौजूद आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने उपराज्यपाल के दिल्ली सरकार के फैसले को निरस्त करने वाले आदेश पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर उन्होंने जो फैसले लिए वह किस आधार पर लिए. ऐसी कौन सी रिपोर्ट है जिसके आधार पर उन्होंने दिल्ली सरकार के दोनों आदेशों को रद्द किया. संजय सिंह के मुताबिक उपराज्यपाल के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं थी और उनके सवालों का कोई जवाब नहीं था. बैठक के बाद संजय सिंह ने उपराज्यपाल पर एक बार फिर से बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के इन आरोपों पर एनसीपी के प्रतिनिधि ने भी आम आदमी पार्टी का समर्थन किया. राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप के बाज़ आएं सियासी दल वरना हालात हो जाएंगे बेकाबू यानी कुल मिलाकर इस सर्वदलीय बैठक के दौरान दिल्ली के तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने-अपने सुझाव दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के चेयर पर्सन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के सामने रखे हैं. इस बैठक का मकसद यही था कि दिल्ली के हालातों पर सभी राजनीतिक दल एक साथ गंभीरता और आपसी सामंजस्य के साथ काम करें क्योंकि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. अगर हालातों को सुधारने से ज्यादा राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा तो आने वाले दिनों में हालात भयावह हो सकते हैं. आसानी से इलाज मिलना भी होगा मुश्किल, इतने डरावने होते जा रहे हैं दिल्ली में कोरोना के आंकड़े?