कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि सभी रोहिंग्या आतंकवादी नहीं हैं. उधर केंद्र सरकार अपने इस रुख पर कायम है कि इनमें से कुछ पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों से जुड़े हो सकते हैं और इन सभी को वापस भेजा जाएगा.


ममता ने कहा, "सभी आम लोग आतंकवादी नहीं हैं. कुछ आतंकवादी हो सकते हैं और उन्हें आतंकवादियों के रूप में माना जाएगा. आतंकवादियों और आम लोगों के बीच में एक अंतर है. हर समुदाय में अच्छे और बुरे लोग हो सकते हैं, लेकिन एक समुदाय एक समुदाय होता है."

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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह रोहिंग्या के मुद्दे पर हस्तक्षेप न करे क्योंकि उन्हें निर्वासित करना एक नीतिगत निर्णय है और उनमें से कुछ पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों से जुड़े हो सकते है.  गृह राज्य मंत्री किरिन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि सरकार का रोहिंग्या शरणार्थियों को निकालना देश के हित में है. लेकिन, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, "इसका अंजाम निर्दोष लोगों द्वारा नहीं भुगता जाना चाहिए."

उन्होंने कहा, "यदि कोई आतंकवादी वहां है, तो सरकार को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन आम लोगों को इसकी सजा नहीं दी जानी चाहिए. यह मानवता है. यदि आम लोगों को भुगतना पड़ेगा तो मानवता को भी भुगतना पड़ेगा."

ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से शरणार्थियों की सूची तैयार करने को कहा है. उन्होंने कहा ,"उन्होंने (केंद्र सरकार) हमें बच्चों और अन्य लोगों को सूचीबद्ध करने और निर्वासन के लिए सूची भेजने के लिए कहा है. हमारा बाल आयोग इससे सहमत नहीं है."