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लोकसभा में 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. सोमवार (8 दिसंबर) को लोकसभा में चली बहस के दौरान अखिलेश ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग हर चीज को हड़पना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इंडिगो के हवाई जहाज उड़ नहीं रहे हैं या उड़ाए नहीं जा रहे. इन्होंने कहा था कि गरीब भी उस पर चल सकेगा.

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अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 'वंदे मातरम हमें ऊर्जा देता था, ताकत देता था. अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट करके लड़ने की ताकत देता था. रवींद्र नाथ टैगोर ने जब कोलकाता के अधिवेशन में गाना गया तब यह लोकप्रिय हो गया. लोग अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए इस नारे का उपयोग करते थे. स्वदेशी आंदोलन में भी हम इसी नारे के साथ चले. हमने देश को एकजुट कर दिया, अंग्रेज घबराने लगे. जहां भी नारा लगता देखते थे, अंग्रेज लोगों को जेल भेज देते थे.'

'ये क्या जानेंगे वंदे मातरम का महत्व' - अखिलेश

उन्होंने कहा, 'वंदे मातरम निभाना भी चाहिए. सोच कर देखें कि हम वंदे मातरम को कितना निभा रहे हैं. जिस वंदे मातरम ने देश को जोड़ा, कुछ लोग उसी से देश को तोड़ना चाहते हैं. ऐसे लोग पहले भी देश के साथ दगा किया, वे आज भी ऐसा कर रहे हैं. वंदे मातरम कोई दिखावा नहीं है. ये ऐसे बोलते हैं जैसे वंदे मातरम इन्हीं का बनाया हुआ गाना है. जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग नहीं लिया, वे वंदे मातरम का महत्व क्या जानेंगे?'

अखिलेश ने किस पर लगाया अंग्रेजों की मुखबिरी करने का आरोप

सपा के मुखिया अखिलेश ने कहा, 'कुछ लोग अंग्रेजों के लिए जासूसी और मुखबिरी की काम करते थे. ये राष्ट्रवादी नहीं, राष्ट्रविवादी लोग हैं. वंदे मातरम झूठे राष्ट्रवादियों के लिए नहीं है. गलत लोगों की गलत मंशा पूरा देश समझता है. भारत माता को जो चित्र बंगाल के महान लोगों ने बनाया था, उसका भी इस्तेमाल करते हैं.'