नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के कारण, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव कथित तौर पर पारित किया. हंगामा होने के बाद 'आप' इस मामले में चौतरफा घिर गई है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि जो मूल लेख दिल्ली विधानसभा में पेश किया गया था, पूर्व प्रधानमंत्री के संबंध में पंक्तियां उसका हिस्सा नहीं थीं. मनीष सिसोदिया ने कहा कि अलका लांबा से कोई इस्तीफा नहीं मांगा गया है. कोई इस्तीफा नहीं दे रहा है.
अब तक क्या हुआ?
विवाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने की मांग से शुरु हुआ. कांग्रेस अरविंद केजरीवाल से माफी की मांग कर रही है. बीजेपी इसे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की डील बता रही है. इस पूरे विवाद पर आप का शीर्ष नेतृत्व अब तक चुप है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और विधायक सौरभ भारद्वाज दोपहर दो बजे पूरे मामले पर सफाई दे सकते हैं. पढ़े 10 अपडेट्स-
1. क्या है विवाद की जड़?: दिल्ली विधानसभा ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के कारण, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव कथित तौर पर पारित किया. आप विधायक अलका लांबा ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफ़ा देने जा रही हैं. लांबा ने ट्वीट कर कहा, ''आज दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये, मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया, जो मुझे मंजूर नहीं था, मैंने सदन से वॉक आउट किया. अब इसकी जो सज़ा मिलेगी, मैं उसके लिये तैयार हूं.''
2. केजरीवाल ने कहा इस्तीफा दें: अलका लांबा ने कहा, “मुझे बाद में जब प्रस्ताव पारित होने की जानकारी मिली तो मैंने इस पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से बात की.” उन्होंने बताया, “केजरीवाल ने मुझसे विधायक पद से इस्तीफा देने को कह दिया है. इसलिए मैं पार्टी प्रमुख के आदेश का पालन करते हुए इस्तीफा देने जा रही हूं.”
3. राजीव गांधी के खिलाफ प्रस्ताव नहीं: आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि जो मूल लेख दिल्ली विधानसभा में पेश किया गया था, पूर्व प्रधानमंत्री के संबंध में पंक्तियां उसका हिस्सा नहीं थीं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक सदस्य का हस्तलिखित संशोधन प्रस्ताव था जिसे इस प्रकार से पारित नहीं किया जा सकता. आप विधायक जरनैल सिंह ने इस प्रस्ताव को पेश करते वक्त राजीव गांधी के नाम का जिक्र किया साथ ही मांग की कि सिख विरोधी दंगे को उचित ठहराने के लिए कांग्रेस नेता से भारत रत्न वापस लिया जाए.
4. विधानसभा अध्यक्ष की सफाई: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राजनिवास गोयल ने कहा कि जो प्रस्ताव दिया गया उसमें राजीव गांधी जी का नाम नहीं था. आप विधायक जरनैल सिंह ने अपने भाषण में इसका जिक्र किया, लोग भावनाओं में बह जाते हैं.
5. केजरीवाल माफी मांगें: राजीव गांधी से भारत रत्न लिए जाने के प्रस्ताव पर कांग्रेस भड़की हुई है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा, ''विधानसभा स्पीकर खड़े होकर कह रहे हैं कि हम इसे पास कर रहे हैं. स्पीकर और मुख्यमंत्री बयान दें कि राजीव गांधी के नाम वाला प्रस्ताव पास नहीं हुआ है. अरविंद केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए. जो काम बीजेपी नहीं कर पाई, वह आज आप ने कर दिया. प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए.''
6. अजय माकन ने ट्वीट कर कहा राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और आप जो कि ‘‘बीजेपी की बी-टीम’’ है उसका असली रंग सामने आ गया है. बीजेपी ने इस पूरे विवाद पर कहा कि दोनों पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही है.
7. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि विधानसभा के पास तो भारत रत्न वापस लेने से संबंधित प्रस्ताव पारित करने का अधिकार ही नहीं है. क्योंकि भारत रत्न राज्य सरकार नहीं देती है. दिल्ली सरकार ने तो भारत रत्न दिया ही नहीं है तो आखिर वह वापस लेने का प्रस्ताव कैसे पारित कर सकते हैं. मेरे पास अब तक जो जानकारी आई है वह तो यही बताती है कि वहां प्रस्ताव पारित किया गया है. राजीव गांधी जिन्होंने देश के लिए तो कुछ किया उनको लेकर इस तरह का प्रस्ताव पूरी तरह से गलत है.
8. दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंदर गुप्ता ने कहा, ''आम आदमी पार्टी में लड़ाई जारी है. राजीव गांधी के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का कुछ नेता समर्थन कर रहे थे और कुछ इसका विरोध कर रहे थे. आम आदमी पार्टी कांग्रेस के निर्देश पर काम कर रही है. ये लोग गुमराह कर रहे हैं है.''
9. दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव रखने वाले आम आदमी पार्टी विधायक जरनैल सिंह ने ट्वीट कर कहा, "1984 कत्लेआम के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम, 1984 कत्लेआम के पीड़ितों की भावनाओं को समझते हुए आज दिल्ली विधानसभा में 1984 कत्लेआम को अब तक का सबसे "क्रूर नरसंहार" घोषित किया गया, पीड़ित परिवारों व हर इंसाफ पसंद आदमी की तरफ से दिल्ली विधानसभा के सभी सदस्यों का धन्यवाद.''
10. गठबंधन का पेंच: पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आम आदमी पार्टी नेताओं ने ऐसे समय कदम उठाया है जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन होने की खबरें सुर्खियों में रही है. आज कांग्रेस नेता अजय माकन और शीला दीक्षित दोनों ने गठबंधन को लेकर न तो हामी भरी न इनकार किया. दोनों नेताओं ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है. माकन ने कहा, ''गठबंधन के बारे में मुझे जानकारी नहीं है अगर एआईसीसी के लेवल पर चल रहा है तो मैं कुछ कह नहीं सकता.'' यही बात शीला दीक्षित ने भी दोहराई.