Waqf Amendment Bill: संसद का शीतकालीन सत्र (25 नवंबर) से शुरू हो चुका है. ये सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा. संसद सत्र में मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पेश कर सकती है. इस बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि यह विधेयक संसद में सूचीबद्ध हो चुका है और इसे किसी भी दिन पेश किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को, संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और अनुरोध किया कि इस बिल को जल्दबाजी में न लाया जाए. उन्होंने अन्य राज्यों का दौरा करने के लिए और समय देने की भी मांग की, ताकि बिल के हर पहलुओं पर सही से चर्चा और समीक्षा की जा सके.

'बिल के प्रावधानों का हो गहन अध्ययन'

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दरअसल, विपक्षी सदस्यों का कहना है कि वक्फ (संशोधन) बिल के प्रावधानों का बिंदुवार और गहराई से अध्ययन करना जरूरी है, जिससे संबंधित समुदायों के विचारों को सही से शामिल किया जा सके. उनका मानना है कि बिल के प्रभावों को समझने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा करना और वहां के वक्फ बोर्डों और संबंधित संगठनों से इसके हर पहलुओं पर सही से चर्चा करना जरूरी है.

जबकि सरकार का पक्ष है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है. सरकार का दावा है कि प्रस्तावित संशोधनों से वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग होने से रोका जा सकेगा. तेदेपा के संसदीय दल के नेता लावु श्री कृष्ण देवरायलू ने भी प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट को पेश किए जाने से पहले मुसलमानों के हितों का ख्याल रखने की मांग की है. 

वक्फ संशोधन बिल 2024 पर टिकी सबकी निगाहें

इस बिल को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के बीच मतभेद साफ नजर आ रहे हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि विधेयक के प्रावधानों पर विस्तार चर्चा और समीक्षा के बिना इसे पास करना उचित नहीं होगा. वे चाहते हैं कि विधेयक पर सही से विचार-विमर्श हो और सभी संबंधित पक्षों की बातों को ध्यान में रखा जाए.

सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर जारी गतिरोध को देखते हुए, यह देखना जरूरी होगा कि आने वाले दिनों में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पर क्या निर्णय लिया जाता है और क्या यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा या नहीं.

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