दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शुक्रवार को हुए बड़े सिस्टम फेलियर को एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स पहले ही रोक सकते थे. ATC गिल्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि उन्होंने जुलाई में ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सिस्टम से जुड़ी खामियों और अपग्रेड की जरूरत के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया.

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जुलाई में दी गई थी चेतावनीATC गिल्ड का कहना है कि उन्होंने जुलाई में AAI को सिस्टम अपग्रेड की जरूरत के बारे में लिखित जानकारी दी थी. उनका आरोप है कि बार-बार बताने के बावजूद उनके सुझावों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

अहमदाबाद हादसे के बाद सांसदों को भी लिखा पत्रगिल्ड ने बताया कि 8 जुलाई को उन्होंने सांसदों को भी पत्र लिखा था. यह पत्र अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के हादसे के बाद भेजा गया, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी. पत्र में कहा गया था कि एयर नेविगेशन सिस्टम की समय-समय पर समीक्षा और अपग्रेड होना बेहद जरूरी है.

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अंतरराष्ट्रीय मानकों जैसा सिस्टम चाहता है ATC गिल्डATC गिल्ड का कहना है कि भारत का ऑटोमेशन सिस्टम यूरोप के यूरोकंट्रोल और अमेरिका के FAA की तरह होना चाहिए. वहां के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में आधुनिक तकनीक, AI-आधारित थ्रेट पहचान और रियल-टाइम डेटा शेयरिंग जैसी सुविधाएं हैं.

कई बार उठाई सुरक्षा संबंधी चिंताएंगिल्ड का आरोप है कि उन्होंने कई बार AAI को गंभीर सुरक्षा चिंताओं के बारे में बताया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्वर में तकनीकी खराबी आ गई थी. AMSS (ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम) में आई गड़बड़ी से फ्लाइट्स की मैसेजिंग बाधित हुई और इसका असर 800 से ज्यादा उड़ानों पर पड़ा.

उड़ानें कई घंटे प्रभावित रहींAMSS सिस्टम फेल होने के बाद कई उड़ानें देरी से चलीं और कई कैंसिल करनी पड़ीं. इसका असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों तक पहुंच गया. दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर DIAL ने बताया कि दोपहर बाद उड़ान संचालन सामान्य हो गया है, लेकिन यात्रियों को अपनी एयरलाइन से संपर्क करते रहने की सलाह दी गई है. वहीं, AAI ने कहा कि AMSS में आई तकनीकी खराबी को ठीक कर लिया गया है, जिसकी वजह से फ्लाइट प्लान संदेशों के प्रोसेसिंग में देरी हो रही थी.