एअर इंडिया के दिवंगत पायलट सुमित सबरवाल के पिता पुष्कर राज सबरवाल ने शुक्रवार (7 नवंबर, 2025) को सुप्रीम कोर्ट से हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी कर केंद्र सरकार और DGCA से जवाब मांगा है.

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याचिका में कहा गया है कि इस हादसे की अब तक की जांच निष्पक्ष नहीं रही है. तकनीकी खामियों को दरकिनार कर सारा दोष पायलटों पर मढ़ने की कोशिश की गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पायलट के 91 वर्षीय पिता से कहा कि उन्हें मन में यह बोझ नहीं रखना चाहिए कि उनके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है. प्रारंभिक जांच में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है. विदेशी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट गलत है.

कोर्ट ने कहा कि वह इस याचिका को पहले से लंबित दूसरी याचिका के साथ सुनेगा और अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी. 22 सितंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एअर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट के चुनिंदा हिस्से को प्रकाशित करके हादसे के लिए पायलट की गलती को हाइलाइट करने पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है इसलिए जरूरी है कि पूर्ण गोपनीयता बनाई रखी जाए.

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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि विमान के पायलट कैप्टन सुमित सबरवाल और क्लीव कुंदर की बातचीत का जांच रिपोर्ट में जिक्र है. रिपोर्ट में बताया गया कि कॉकपीट की ऑडियो में सुना गया कि एक पायलट ने कहा, 'फ्यूल क्यों कट-ऑफ किया.' दूसरा पायलट जवाब में कहता है, 'मैंने नहीं किया.'

12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन जा रहा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही क्रैश हो गया था. यह विमान मेघाणी नगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज की मैस पर क्रैश हुआ था और उस वक्त मेडिकल स्टूडेंट वहां लंच कर रहे थे. इस हादसे में प्लेन पर सवार पायलट, क्रू मेंबर्स और यात्रियों समेत 241 लोगों की जान चली गई थी, सिर्फ एक यात्री हादसे में जिंदा बचा था. जहाज जिस मेडिकल कॉलेज पर गिरा था वहां भी 19 लोग मारे गए थे. 

(निपुण सहगल के इनपुट के साथ)