नई दिल्ली: असदुद्दीन ओवैसी यूपी के दौरे पर आए. सिर्फ़ आठ घंटे रहे. लेकिन उनके इस दौरे ने राजनैतिक कैंप में खलबली मचा दी है. जैसे ठहरे हुए पानी में किसी ने पत्थर मार दिया है. मुस्लिम वोटरों पर नज़र रखने वाली पार्टियां अपने नफ़ा नुक़सान का आकलन करने लगी हैं. सोची समझी रणनीति के हिसाब से ओवैसी ने वाराणसी से आज़मगढ़ की यात्रा की. उन्होंने कहीं कोई भाषण भी नहीं दिया. लेकिन पॉलिटिकल मैसेज देने में कामयाब रहे. भारी भीड़ के कारण उन्हें, जिस मदरसे में जाना था, वहां नहीं गए.
वाराणसी एयरपोर्ट पर असदुद्दीन ओवैसी की अगवानी के लिए समर्थकों की भीड़ जमा हो गई. सुखदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी उनके साथ थे. जौनपुर रवाना होने से पहले उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि लॉ एंड आर्डर के नाम पर अखिलेश ने उन्हें आज़मगढ़ नहीं जाने दिया. इतना कह कर वे जौनपुर के लिए रवाना हो गए. रास्ते में कई जगहों पर लोगों ने उनकी गाड़ी रोकी. उनका स्वागत किया. ओवैसी कभी नमस्कार तो कभी आदाब करते रहे. यूपी के पूर्वांचल की उनकी ये पहली यात्रा थी. जिस समय वे जौनपुर में थे, उसी वक्त अखिलेश यादव भी उसी शहर में थे. जौनपुर से निकल कर ओवैसी पहुंच गए अखिलेश के संसदीय क्षेत्र आज़मगढ़. वहां से उनके पिता मुलायम सिंह यादव पिछली बार सांसद चुने गए थे. आज़मगढ़ मुस्लिमों का गढ़ माना जाता है. यहां के मूड से ही पूर्वी यूपी का मुस्लिम समाज भी चुनावी मूड बनाता है.
यूपी में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं. लेकिन असदुद्दीन ओवैसी यहां बिहार चुनाव का जिताऊ फ़ार्मूला फिर से आज़माने की तैयारी में हैं. बिहार में उन्होंने छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया. नतीजों ने सबको हैरान कर दिया. ओवैसी की पार्टी को सीमांचल इलाक़े में ही 5 सीटें मिल गईं. वे यूपी में भी ओम प्रकाश राजभर, बाबू सिंह कुशवाह जैसे नेताओं की छोटी छोटी पार्टियों के साथ मोर्चा बना रहे हैं. राजभर और कुशवाह जैसी पिछड़ी जातियों में इन दोनों नेताओं का अपना वोट बैंक है. ओवैसी को बस तलाश अपनी पार्टी के लिए कुछ मज़बूत चेहरों की है. फिर तो वे कई सीटों पर बड़ा उलट फेर कर सकते हैं. बिहार में उन्हें अख़्तरुल ईमान जैसे नेता का साथ मिल गया था. आज़मगढ़ में ओवैसी ने कहा कि जिन्हें जो कहना है कहें, लेकिन हम यहां पूरी मज़बूती से लड़ना चाहते हैं. हमें बीजेपी की बी टीम कहने वाले हमसे डर गए हैं. ये डर ही हमारी जीत है.
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