मुसलमानों के 'जनसंख्या नियंत्रण' वाले असम सीएम हिमंत सरमा के बयान पर ओवैसी ने किया पलटवार
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि हकीकत ये है कि असम पहले से ही टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 2.1 पर आ चुका है जबकि राष्ट्र का टीएफआर 2.2 है. साधारण शब्दों में कोई 'जनसंख्या विस्फोट' नहीं है.
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की तरफ से अल्पसंख्यकों के जनसंख्या नियंत्रण पर दिए गए बयान के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से ‘जनसंख्या नियंत्रण’ की बात शुरू की है. यह हिन्दुत्व बोल रहा है, जो गरीब और शोषित लोगों पर आरोप लगा रहा है.
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि लेकिन हकीकत ये है कि असम पहले से ही टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 2.1 पर आ चुका है जबकि राष्ट्र का टीएफआर 2.2 है. साधारण शब्दों में कोई जनसंख्या विस्फोट नहीं है.
ओवैसी ने आगे कहा कि आपकी सरकार को लिंग-चयनात्मक गर्भपात की बर्बर प्रथा के कारण विषम लिंगानुपात के बारे में चिंता करनी चाहिए. यह अनुमान लगाया गया है कि 2036 में असम का लिंगानुपात बिगड़ जाएगा और पुरुषों की संख्या काफी ज्यादा हो जाएगी. बुनियादी तौर पर लिंग विरोध वाली संस्कृति के खिलाफ लड़ने की जरूरत है.
Assam CM has again started talk of “population control”. This is Hindutva-speak for blaming poor & marginalised
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 10, 2021
Here are the facts @himantabiswa
Assam has already achieved replacement levels of TFR 2.1. National TFR is 2.2. In simple words, there’s no population explosion 1/n
जनसंख्या नियंत्रण पर क्या कहा था हिमंत सरमा?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को गरीबी कम करने के उद्देश्य से जनसंख्या नियंत्रण के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से ‘‘उचित परिवार नियोजन नीति’’ अपनाने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के 30 दिन पूरे होने के मौके पर कहा कि समुदाय में गरीबी कम करने में मदद के लिए सभी पक्षकारों को आगे आना चाहिए और सरकार का समर्थन करना चाहिए. गरीबी की वजह जनसंख्या में अनियंत्रित वृद्धि है.
हिमंत सरमा ने आगे कहा, ‘‘सरकार सभी गरीब लोगों की संरक्षक है लेकिन उसे जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे से निपटने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है. जनसंख्या वृद्धि गरीबी, निरक्षरता और उचित परिवार नियोजन की कमी की मुख्य वजह है.’’
सरमा ने कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने की ओर काम करेगी ताकि इस समस्या से प्रभावी रूप से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार मंदिर, सत्रों और वन भूमि का अतिक्रमण नहीं करने दे सकती और समुदाय के सदस्यों ने भी सरकार को आश्वस्त किया है कि वे इन भूमि का अतिक्रमण नहीं चाहते.
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