नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स को लेकर बेहद चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. दावा है कि एम्स ने एन-95 मास्क की खराब गुणवत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वाले डॉक्टर को रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव पद से बर्खास्त कर दिया है. रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन एक गैर सरकारी संगठन माना जा सकता है. इसका एम्स के प्रबंधन से भी सीधा कोई रिश्ता नहीं है. फिर आरोप सरकार पर थे. लिहाजा जांच जरूरी थी ताकि देश को गुमराह होने से बचाया जा सके. इस हैरान करने वाले दावे की सच्चाई के सेंसेक्स में हमने पड़ताल की है.


इस हफ्ते की शुरुआत से ही एम्स की तस्वीर के साथ एक मैसेज लोगों के व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है. मैसेज में सबसे ऊपर मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा है- "एम्स के डॉक्टर को हटा दिया गया है." उसके नीचे वजह बताते हुए लिखा है, 'डॉक्टर टी श्रीनिवास राजकुमार जिन्होंने एन-95 मास्क की खराब गुणवत्ता और पीपीई किट की कमी को लेकर आवाज उठाई थी. उन्हें रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के जनरल सेकेट्री के पद से हटा दिया गया है. छात्रों, एक्टिविस्ट और पत्रकारों के बाद मोदी सरकार उन डॉक्टरों की आवाज दबा रही है जो फ्रंटलाइन में कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं.'


क्या है सच
सच जानने के लिए ABP न्यूज ने सीधे दिल्ली के एम्स अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन यानी आरडीए से सम्पर्क किया. उनसे पूछा क्या सरकार के दबाव में आने पर डॉ श्रीनिवास पर कोई कार्रवाई हुई है? सवाल के जवाब के तौर पर नोटिस की ये कॉपी मिली जिस पर एम्स रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का लेटर हेड था. नोटिस पर 29 मई 2020 की तारीख थी.


नोटिस में लिखा था, 'एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव बॉडी की जानकारी में आया है कि एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर श्रीनिवास की तरफ से एक मीडिया स्टेटमेंट जारी किया गया जो कि गलत था. एम्स आरडीए इस बात के लिए उनकी निंदा करती है और लगातार एग्जीक्यूटिव बॉडी को नजरअंदाज करते हुए उनके कामों को भी. इसलिए एम्स आरडीए के संविधान के मुताबिक और दो तिहाई एक्जीक्यूटिव बहुमत से डॉ श्रीनिवास को आरडीए से निकालने का फैसला करती है.'


डॉक्टर को निकालने की सही वजह क्या है?
नोटिस में नीचे आरडीए के अध्यक्ष डॉ आदर्श प्रताप सिंह के दस्तखत थे. इस बारे में हमने जब आरडीए के अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह से बात की. उन्होंने कहा डॉक्टर श्रीनिवास को निकाला तो गया है. लेकिन इसकी वजह कुछ और है.


डॉ आदर्श ने कहा, 'डॉक्टर श्रीनिवास जो हमारे आरडीए एम्स के जनरल सेक्रेटरी थे. उन्होंने एक मीडिया में स्टेटमेंट दिया था कि एम्स एडमिनिस्ट्रेशन ने उनको पीपीई और एन-95 की बात को उठाने के लिए FIR की धमकी दी है. ये बिल्कुल गलत है. एम्स एडमिनिस्ट्रेशन ने कभी भी पीपीई और एन 95 मास्क की बात उठाने के लिए FIR और उनके कैरियर को बर्बाद करने की धमकी नहीं दी है. एम्स ने उनके इस व्यवहार को ध्यान में रखते हुए लोगों की बहुमत से आरडीए एम्स से बाहर निकाल दिया है.'


पड़ताल में पता चला डॉ श्रीनिवास राजकुमार को गलत बयान देने और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के नियम उल्लंघन करने की वजह से एग्जीक्यूटिव बॉडी ने बहुमत से निकालने की कार्रवाई की है. ये फैसला पूरी तरह से रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का था. इस फैसले में ना तो एम्स प्रशासन का कोई लेना-देना है और ना केंद्र सरकार का.


ABP न्यूज की पड़ताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पद से डॉक्टर को हटाने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराने का दावा झूठा साबित हुआ है.


इंटरनेट पर फैल रहे हर दावे और अफवाह का सच जानने के लिए सोमवार से शुक्रवार एबीपी न्यूज़ पर 8.30 बजे 'सच्चाई का सेंसेक्स जरुर देखें.



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