Agniveer's Training: अग्निपथ स्कीम के तहत देशभर में युवाओं की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अग्निवीरों की ट्रेनिंग जारी है. अग्निवीरों (Agniveers) का पहला बैच हैदराबाद में अपनी ट्रेनिंग कर रहा है. आठ महीने की सख्त ट्रेनिंग के बाद ही सेना में इनकी तैनाती की जाएगी. 


भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ योजना के तहत 'अग्नीवीरों' के पहले बैच की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. भर्ती हुए जवानों ने 25-31 दिसंबर (2022) के बीच सेना के अलग-अलग रेजिमेंटल सेंटरों में रिपोर्ट किया है. 'अग्नीवीरों' के पहले बैच में महिलाएं भी शामिल हैं. 


कहां-कहां हो रही ट्रेनिंग?


बख्तरबंद कोर ट्रेनिंग सेंटर, अहमदनगर (महाराष्ट्र); तोपखाना ट्रेनिंग सेंटर, नासिक (महाराष्ट्र); आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर, हैदराबाद (तेलंगाना), जकरीफ रेजिमेंटल सेंटर, जबलपुर (मध्य प्रदेश), बेंगलुरु (कर्नाटक), पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ (झारखंड), नागपुर (महाराष्ट्र) और हैदराबाद में शुरू हो चुकी है.


क्या है अग्निपथ स्कीम


अग्निवीर योजना केवल सैनिकों की भर्ती के लिए है सेना में अधिकारियों की भर्ती के लिए नहीं. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा. ये सभी अग्निवीर चार साल के लिए सेना में शामिल होंगे. चार साल की सेवा के बाद समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीर ही सेना में आगे सेवा दे सकेंगे और शेष 75 प्रतिशत रिटायर हो जाएंगे. चार साल बाद जो अग्निवीर सेना में सेवा देगा वह सैनिक कहलाएगा और उसका पद आम सैनिकों की तरह लांस नायक, नाइक, हवलदार आदि होगा. 


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