प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (13 सितंबर, 2025) को मणिपुर के लिए 8,547 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. यह कार्यक्रम राज्य में लंबे समय से चली आ रही जातीय हिंसा और राजनीतिक विवादों के बीच सामान्य होते हालातों की ओर भी इशारा कर रहा है. केंद्र सरकार इसे 'शांति और प्रगति की नई शुरुआत' के तौर पर राज्य की जनता के बीच लेकर जा रही है.
पीएम मोदी चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से 7,344 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. इनमें शहरी सड़कों और ड्रेनेज सुधार, डिजिटल स्किल और रोजगार को बढ़ावा देने वाला मणिपुर इंफोटेक डेवलपमेंट (MIND) प्रोजेक्ट, नौ जगहों पर वर्किंग वीमेन हॉस्टल, हिल जिलों में सुपर स्पेशियलिटी हेल्थकेयर सुविधाएं और 120 हाईस्कूल-हायर सेकेंडरी स्कूलों का उन्नयन शामिल हैं.
इन परियोजनाओं में खर्च होंगे पैसे
बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में एनएच-102ए शांगशक-तेंगनौपाल सेक्शन के उन्नयन पर 1,280 करोड़ से अधिक की लागत और उखरूल जिले में भारतमाला परियोजना के तहत एनएच-202 की सड़कों के दो लेन में चौड़ीकरण पर लगभग 1,284 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं, 3647 करोड़ रुपये की लागत से मणिपुर अर्बन रोड्स, ड्रेनेज और एसेट मैनेजमेंट इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट भी राज्य की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक होगी.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंफाल के कंगला फोर्ट से 1,203 करोड़ रुपये की 17 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इसमें दिल्ली के द्वारका और कोलकाता के सॉल्ट लेक में मणिपुर भवन की स्थापना, इंफाल में वेस्टर्न रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, मॉल रोड फेज-II, नए पुलिस मुख्यालय और आईटी-सेज बिल्डिंग शामिल हैं.
मणिपुर विकास परियोजनाओं में राजनीतिक संदेश
सबसे महत्वपूर्ण परियोजना 538 करोड़ रुपये की लागत से मणिपुर सिविल सचिवालय का निर्माण है. इसके अलावा इंफाल और आसपास के जिलों में IMA मार्केट्स, लीसांग हिडन हेरिटेज पार्क, पांच सरकारी कॉलेजों का विकास, इकोलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और स्वास्थ्य क्षेत्र में कई नई इमारतों का उद्घाटन होगा. प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गहरा राजनीतिक संदेश भी शामिल है.
मई 2023 से भड़की मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा ने राज्य को गहरे जख्म दिए. विपक्ष लगातार केंद्र और प्रधानमंत्री पर आरोप लगाता रहा है कि उन्होंने मणिपुर पर चुप्पी साधे रखी. जबकि केंद्र सरकार लगातार कहती रही है कि उसने मणिपुर के हितों को ध्यान में रखते हुए और मणिपुर में शांति बहाली के लिए लगातार प्रयास किए हैं और कदम उठाए हैं, जिसका जमीन पर असर भी देखने को मिला है.
दोनों समुदायों के पीड़ित से कर सकते हैं मुलाकात
अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पहुंच रहे हैं तो उनके कार्यक्रम इस तरह से तैयार किये गए हैं कि वह दोनों समुदायों के पीड़ित लोगों से मुलाकात करें और उनसे जुड़ी हुई परियोजना का उद्घाटन करें, जिससे दोनों समुदाय तक संदेश पहुंच जाए कि भारत की सरकार उनके साथ खड़ी है.
चुराचांदपुर (कुकी बहुल इलाका) में शिलान्यास और इंफाल (मेइती बहुल इलाका) में उद्घाटन के जरिए एक तरह से सरकार ने संतुलन साधने की कोशिश की है. भाजपा इसे 'विकसित भारत-विकसित मणिपुर' का रोडमैप बता रही है, जबकि विपक्ष का कहना है कि यह 'देरी से उठाया गया कदम' है, जो हिंसा से प्रभावित जनता के दर्द को कम नहीं कर सकता.
मणिपुर विकास के लिए वरदान पैकेज
कुल मिलाकर लगभग 8,500 करोड़ रुपये का यह पैकेज मणिपुर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में बड़ा निवेश है. प्रधानमंत्री के इस दौरे के बाद उम्मीद की जा रही है कि मणिपुर के हालात जो पहले की तुलना में अब काफी बेहतर हैं, वह और ज्यादा बेहतर होंगे और मणिपुर में विकास की परियोजनाओं कशीदा फायदा मणिपुर की जनता को मिलेगा.
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