Govinda Aala Re Aala: दो साल के बाद फिर एक बार मुंबई (Mumbai) के गली मोहल्लों में गोविंदा आला रे आला (Govinda Aala Re Aala) की गूंज सुनायी देगी. शुक्रवार को मुंबई और आसपास के शहरों में दही हांडी (Dahi Handi) का त्यौहार मनाया जाएगा जिसमें युवाओं की टोलियां मानव पिरामिड (Human pyramid) बनाकर ऊंचाई पर लटकी मटकियों को फोडतीं हैं. राजनीतिक दल भी इस त्यौहार में बढ़चढकर हिस्सा लेते हैं.


दो साल बाद मुंबई की सड़कों पर फिर एक बार इंसानी मीनारें दिखेंगीं. कोरोना काल (Corona) में जब पूरी दुनिया ठप थी तब ये त्यौहार भी नहीं मना. कई दशकों से मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) इसी अंदाज में मनायी जाती रही है. भगवान की गोकुल में की गई बाल लीलाओं को याद कर के जिस तरह से नन्हें घनश्याम अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऊंचाई पर लटकी मटकियों से माखन चुराते थे उसी तरह से मुंबई के युवक भी 30 से 40 फुट की ऊंचाई पर दही और हल्दी से भरी मटकियों तक पहुंचने के लिये एक के ऊपर एक खड़े होकर मीनारें बनाते हैं. जिस टोली के हाथ मटकी लगी उसे इनाम में मोटी रकम मिलती है.


9 या 10 मंजिलों की मीनारें बनाने का प्रयास करतीं हैं टोलियां


वैसे तो जन्माष्टमी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है लेकिन मुंबई में इस त्यौहार को मनाने का तरीका एकदम अलग और रोमांचक है. यहां ये त्यौहार संस्कृति को साहस से जोड़ता है. इसमें जान हाथ पैर की हड्डियां टूटने से लेकर जान जाने तक का खतरा है. आमतौर पर मानव पिरामिड 6 या 7 मंजिलों की बनतीं हैं लेकिन कई टोलियां ऐसी हैं जो 9 या 10 मंजिलों की मीनारें बनाने का प्रयास करतीं हैं. इस जोखिम भरे खेल के लिए कई दिनों पहले से ही अभ्यास शुरू हो जाता है. दिन भर रोटी-रोजगार में व्यस्त रहने के बाद रात के वक्त युवा खाली मैदानों में मानव पिरामिड बनाने का अभ्यास करते हैं. मानव पिरामिड बनाते वक्त नियम होता है कि भारी कदकाठी के लोग नीचे की ओर रहें जबकि हलके वजन के लोग पिरामिड की ऊपरी मंजिलों पर. पिरामिड के सबसे ऊपर आमतौर पर टोली का सबसे छोटा सदस्य होता है जो मटकी तक पहुंच कर उसे फोड़ता है.


ग्लैमर का तड़का भी लगता है


वक्त के साथ-साथ गोविंदा त्यौहार में भी बदलाव आया है. इस त्यौहार की चमक-दमक बढ़ गयी है और इसमें करोड़ों रूपए खर्च होते हैं. त्यौहार की लोकप्रियता देखते हुए राजनेताओं ने भी इन्हें भुनाने की खूब कोशिश की. मुंबई और ठाणे में राजनेताओं की ओर से प्रायोजित कई दही हांडियां लटकायी जातीं हैं. विशेषकर ठाणे के शिव सेना विधायक प्रताप सरनाईक और घाटकोपर के बीजेपी विधायक राम कदम की दही हांडियां काफी मशहूर हैं. ठाणे में शिव सेना सांसद राजन विचारे की दही हांडी भी खूब चमक-दमक वाली होती है. इस उत्सव में ग्लैमर का तड़का भी लगता है. कई राजनेता अपने यहां फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित करते हैं. इस बार मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार की दही हांडी की काफी चर्चा हो रही है क्योंकि इस हांडी को वे वर्ली इलाके में लटका रहे हैं जो कि शिव सेना का गढ़ है और जहां से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे विधायक हैं.


सुरक्षा इंतजामों को लेकर गाईडलाईंस जारी


इस रोमांचक खेल में अक्सर हादसे भी हो जाते हैं और इसलिये टोली के सदस्यों का बीमा भी करवाया जा रहा है. अगर किसी खिलाड़ी की मृत्य होती है तो उसके परिजन को 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल होने पर 5 लाख रूपये दिये जाएंगे. इससे पहले अदालतों ने खेल में शिरकत करने वाले बच्चों की उम्र और सुरक्षा इंतजामों को लेकर गाईडलाईंस भी जारी की है.


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