BJP Working Committee Meeting: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद यूपी बीजेपी की कार्यसमिति की पहली बैठक (First meeting of UP BJP working committee) रविवार को लखनऊ में होगी. सरकार और संगठन (Government and Organizations) के बीच समन्वय बनाने के लिहाज से ये बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस बैठक में चुनाव की उपलब्धियों के साथ साथ कहां-कहां कमी रही, उसपर भी मंथन होगा. साथ ही आगामी महीनों में होने वाले निकाय चुनाव की रणनीति (Municipal Election Strategy) पर भी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी. 


भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी में दिन भर चलने वाली बैठक में आगे की राजनीति के साथ साथ राजनैतिक प्रस्ताव भी पास किये जायेंगे. रविवार को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक सेंटर में सुबह शुरू होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, दोनों उप मुख्यमंत्री समेत पार्टी की कार्यसमिति की सभी सदस्य शामिल होंगे. कार्यसमिति की बैठक में निकाय चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी. 


पार्टी के कमजोर बूथों को मजबूत करने पर होगी बात
वहीं इस बैठक में मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने पर उपलब्धियों की जनता तक पहुंचाने पर भी योजना बनेगी. 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनावों में प्रदेशभर में 25 हज़ार ऐसे बूथ हैं, जिनपर पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षित नहीं रहा है, उन्हें मज़बूत करने पर भी बात होगी. पार्टी ने तय किया है कि अगले 3 महीनों में यूपी के हर ज़िले में 5000 से ज़्यादा लोगों की रैली कर उप्लद्भियां गिनाईं जाएं. इसके अलावा मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों का बूथों पर 75 घण्टे का प्रवास कार्यक्रम चलाकर सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचा जाए. 


यूपी के बीजेपी अध्यक्ष के नाम का जल्द होगा ऐलान
माना जा रहा है कि बहुत जल्द यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम का भी ऐलान बीजेपी कर सकती है. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वर्तमान अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह योगी सरकार में मंत्री बन गए हैं, ऐसे में एक व्यक्ति एक सिद्धांत के तहत बीजेपी को नए व्यक्ति को अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी देनी है. चर्चा इस बात की है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हर पश्चिम से आने वाले किसी ब्राह्मण को ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि जाट या दलित नेता को भी मौका दिया जा सकता है. साथ ही यूपी बीजेपी सरकार और संगठन में समन्वय को मज़बूत करने पर भी ख़ास तौर पर योजना बनाकर काम कर रही है. 


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