नई दिल्ली: एक समय बीजेपी के निशाने पर रहे समाजवादी पार्टी के विवादित नेता नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के कारण बीजेपी का ही दामन थाम लिया है. उनके पार्टी में शामिल होते ही चौतरफा ये बात हो रही है कि आखिर एक समय नरेश अग्रवाल को पाकिस्तानी एजेंट बताने वाले लोगों ने कैसे उन्हे पार्टी में स्वीकार कर लिया है. इस समय सोशल मीडिया पर नरेश अग्रवाल को लेकर किए गए बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोगों के पुराने ट्वीट वायरल हो रहे हैं.



आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा का 27 दिसंबर 2017 का एक ट्वीट वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने लिखा है, "नरेश अग्रवाल को संसद से बाहर कर दिया जाना चाहिए, रॉ और एनआईए को पाकिस्तान के साथ उनके संबंधों की जांच करनी चाहिए."



वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के आईटी सेल को चलाने वाले अमित मालवीय का 27 दिसंबर 2017 का एक ट्वीट वायरल हो रहा है. उन्होंने लिखा, "समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल पाकिस्तानी प्रवक्ता के रूप में हैं जो कि राहुल गांधी की तरह सर्जिकल स्ट्राइक का प्रमाण मांग रहे हैं."



बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने 27 दिसंबर 2017 को नरेश अग्रवाल का एक बयान ट्वीट करते हुए लिखा, "हमें पाकिस्तान की क्या जरूरत..जब दुश्मन घर के अंदर ही बसे हैं. किस किस से लड़ें.." हालांकि अब संबित पात्रा ने नरेश अग्रवाल के बीजेपी में आते ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है. यही नहीं दिल्ली से बीजेपी सांसद महेश गिरी भी नरेश अग्रवाल की आलोचना कर चुके हैं.





नरेश अग्रवाल के आते ही ट्विटर पर बीजेपी की आलोचना शुरू हो गई है. लोग आरोप लगा रहे हैं कि एक समय अग्रवाल को एंटी नेशनल और एंटी-हिंदू कहने वाली पार्टी ने उसी को अपने पार्टी में शामिल कर लिया. सोनम महाजन ने ट्वीट कर लिखा, "बीजेपी एक राजनीतिक पार्टी है या वॉशिंग मशीन? सभी प्रकार के गंदगी को अपने पार्टी में शामिल करती है और फिर उसी को नए तरीके से पेश करती है."





वहीं अंशुल सक्सेना ट्वीट कर लिखते हैं, "नरेश अग्रवाल ने हिंदू देवी-देवताओं को शराब से तुलना की, भारतीय सेना पर सवाल उठाए, कुलभूषण जाधव को आतंकी कहा, पीएम मोदी के खिलाफ जातिवादी शब्द बोले..बावजूद इसके अपने आपको को बदलाव वाली पार्टी कहने वाली बीजेपी ने नरेश अग्रवाल को पार्टी में शामिल किया. बीजेपी में आने के बाद अब वे साफ-सुथरे हो गए. जय हो."