रेवाड़ी के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी चलते 4 लोगों की मौत के बाद सोमवार को हिसार में 5 कोरोना संक्रमितों की जान ऑक्सीजन न मिलने के कारण चली गई. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने अस्पताल प्रबंधन पर समय पर इलाज उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया, जबकि अस्पताल ने पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं करने के लिए जिला प्रशासन को दोषी ठहराया है. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देशानुसार गृह मंत्री अनिल विज ने रेवाड़ी, हिसार और गुड़गांव में ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए है.


जान गंवाने वाले सभी मरीज वेंटिलेटर पर थे


हिसार के सोनी अस्पताल में हुई इस घटना में जान गंवाने वाले सभी मरीज वेंटिलेरट पर थे. उनके पहचान उनकी पहचान पंजाब के अरविंद (60), हिसार के राजेश्वर (45), सतेंद्र (26) और राजे राम (67) और दिल्ली के अनिल कुमार के रूप में हुई है. अस्पताल में रविवार रात को ऑक्सीजन खत्म हो गई थी. 4 घंटे की मशक्कत के बाद बमुश्किल दो सिलेंडरों की व्यवस्था हो सकी, लेकिन जब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल की जाती, 5 रोगी ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ चुके थे.


ऑक्सीजन मिली पर तब तक देर हो चुकी थी


जिन लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है, उनके परिजन स्वाभाविक रूप से अस्पताल के प्रबंधन को इसके लिए दोषी बता रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की मानें तो वह भी इस मामले में असहाय था. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 22 बेड के इस अस्पताल में 15 बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित थे. अस्पताल के पास 7 ऑक्सीजन सिलेंडर थे, लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाला संयंत्र समय पर इसकी रिफिलिंग नहीं कर सका. अस्पताल ने अन्य स्रोतों से दो सिलेंडरों की व्यवस्था भी की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.


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