Jagdambika Pal On Waqf Report: वक्फ के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने समिति के विपक्षी सदस्यों को चुनौती दी है. JPC अध्यक्ष ने कहा है कि अगर वे ये साबित कर सकें कि पैनल ने रूल्स का पालन नहीं किया है तो वे लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे. विपक्षी सांसदों की ओर से ये आरोप लगाए गए थे कि जगदंबिका पाल ने असहमति नोटों में विचार-विमर्श में जल्दबाजी की और रूल्स को फॉलो नहींं किया. 

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द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, जेपीसी अध्यक्ष ने  कहा है कि समिति के सभी सदस्यों को हर समय जानकारी दी गई है और आखिरी रिपोर्ट में विपक्षी सदस्यों के असहमति नोटों के कुछ पॉइंट्स को संपादित किया गया था. वह बोले, “असहमति नोट से कुछ हिस्सों को हटाना उनके अधिकार क्षेत्र में है. बिल के प्रावधानों पर उनकी आपत्तियां रिपोर्ट का हिस्सा बनी रहेंगी, लेकिन सहमति के नाम पर वे इसका दुरुपयोग नहीं कर सकते.”

'15 राज्य सरकारों से मुलाकात की गई'

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वहीं पारदर्शिता को लेकर जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार के पास संसद के दोनों सदनों में बहुमत है और वह आसानी से बिल को पारित करा सकते थे. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल को संसदीय पैनल को भेजने का प्रस्ताव इसलिए रखा क्योंकि सरकार पारदर्शिता में विश्वास करती है. हमने बिल के हर पहलू पर गहन विचार-विमर्श किया. पैनल ने 15 राज्य सरकारों से मुलाकात की, उन राज्यों से प्रतिनिधियों को बुलाया गया जहां पैनल नहीं जा सका. सभी स्टेकहोल्डर्स से तीन घंटों तक विचार विमर्श किया गया था.”

गलत कहानी पेश करने का लगाया आरोप

जगदंबिका पाल ने विपक्षी सांसदों के ऊपर गलत कहानी पेश करने का आरोप लगाया. वह बोले, “इस विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता लाना है. यह सुनिश्चित करना कि संपत्ति का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए हो, जिसके लिए वक्फ ने इरादा किया था. वक्फ की संपत्ति से कितनी विधवाओं और अनाथों को लाभ मिल रहा है?.”

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