ABP Southern Rising Summit 2025: 'अगर योग्य होते हुए कोई वोट न दे पाए तो...', SIR को लेकर DMK ने उठाए सवाल; AIADMK ने दिया ये जवाब
ABP Southern Rising Summit 2025: DMK नेता धरनीधरण ने SIR के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यदि लोकतंत्र में एक भी ऐसा व्यक्ति हो जो वोट देने के योग्य होते हुए भी वोट न दे पाए, तो यह पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर देता है.

चेन्नई में आयोजित एबीपी सदर्न राइजिंग समिट 2025 एक राजनीतिक विमर्श का मंच तो था, लेकिन मंगलवार (25 नवंबर 2025) को इस मंच उस समय माहौल गर्म हो गया जब 4 प्रमुख दल, DMA, AIDMK, भाजपा और कांग्रेस मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर आमने-सामने आ गए. SIR मतदाता सूची: सुधार या हेरफेर? इस माहौल ने यह साबित कर दिया कि चुनाव प्रक्रिया में किए जा रहे हर बदलाव की राजनीतिक व्याख्या कितनी अलग-अलग हो सकती है.
INDIA ब्लॉक की ओर से आए नेताओं का तर्क था कि SIR प्रक्रिया जिस तरीके से चलाई जा रही है, उससे ऐसे हजारों वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से गायब हो सकते हैं, जो पहले से ही आर्थिक, सामाजिक या भौगोलिक रूप से कमजोर हैं. उनका आरोप था कि 30 दिनों की समयसीमा, सीमित कर्मचारी और भारी कार्यभार, सब मिलकर एक ऐसी स्थिति बना रहे हैं जहां लोकतांत्रिक अधिकार ही दांव पर लग रहे हैं.
DMK नेता ने क्या जताई आशंका?
DMK के राष्ट्रीय प्रवक्ता सलेम धरणीधरन ने सत्र में सबसे पहले और सबसे तीखी आपत्ति दर्ज कराई. उनका आरोप था कि SIR के नाम पर एक ऐसी प्रक्रिया चल रही है जिसमें जोखिम यह है कि पात्र मतदाताओं के नाम कट सकते हैं और यह लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक संकेत है. धरणीधरन ने सवाल उठाया कि क्या मौजूदा सरकारी कर्मचारी, जो पहले से ही कई जिम्मेदारियों का दबाव झेल रहे हैं, 30 दिनों की समयसीमा में यह प्रक्रिया पूरी कर भी पाएंगे?
AIADMK का तीखा पलटवार
AIADMK प्रवक्ता कोवई सत्यन ने डीएमके के आरोपों को पलटते हुए कहा कि वास्तविक रूप से डीएमके ही इस समस्या का जनक है और वहीं वैज्ञानिक वोट चोरी का सबसे बड़ा उदाहरण पेश करती आई है. उनके अनुसार विपक्ष सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए SIR प्रक्रिया को बदनाम कर रहा है.
DMK के सलेम धरनीधरण ने SIR के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यदि लोकतंत्र में एक भी ऐसा व्यक्ति हो जो वोट देने के योग्य होते हुए भी वोट न दे पाए, तो यह पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर देता है.
2006 में 73 लाख योग्य मतदाता हटाए गए थे- एस जी सूर्य का पलटवार
बहस के दौरान सूर्या ने धरनीधरण के बयान का जवाब देते हुए कहा कि धरनीधरण कहते हैं कि एक भी योग्य वोट नहीं छूटना चाहिए, लेकिन 2006 में कांग्रेस–DMK UPA सरकार के शासन के दौरान 73 लाख योग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाया गया था. सिर्फ फोटो न होने के कारण इतने लोगों को मताधिकार से वंचित कर दिया गया.
सूर्या ने दावा किया कि उनके पास CAG की 2010 की ऑडिट रिपोर्ट मौजूद है जो बताती है कि चुनाव विभाग के पास हटाए गए 73 लाख योग्य मतदाताओं का कोई बैकअप नहीं था. ये नाम फोटो नहीं होने के कारण लिस्ट से हटा दिए गए. हटाने के फैसले की स्पष्ट वजह दर्ज नहीं थी. सूर्या ने कहा, 2006 में UPA सरकार ने 73 लाख योग्य वोटरों को अज्ञात कारणों से लिस्ट से हटा दिया था, इसलिए आज DMK का यह दावा अजीब लगता है कि एक वोट भी नहीं छूटना चाहिए.
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Source: IOCL





















