Mood of Nation Survey: कोरोना की मार के बीच सरकार ने दिया कितना साथ? जानें, क्या है मूड ऑफ द नेशन
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिस ने भी उस खौफनाक मंजर को नजदीक से देखा और उसे झेला है उसके दर्द को समझा जा सकता है. सी-वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज़ के लिए सर्वे कर जानने का यह प्रयास किया गया है कि कोरोना काल के दौरान उनकी मदद के लिए सरकार कितनी तैयार थी. उन्हें उस दौरान किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. पल-पल अपडेट्स के लिए आप बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ...

Background
देश के लोगों पर कोरोना की दूसरी लहर की मार ऐसी पड़ी, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. कोरोना से संक्रमित अपने लोगों को बचाने के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी. जब अस्पताल गए तो बेड नहीं और अगर बेड मिल भी गया तो ऑक्सीजन नहीं. जिस ने भी उस खौफनाक मंजर को नजदीक से देखा और उसे झेला है उसके दर्द को समझा जा सकता है.
सी-वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज़ के लिए सर्वे कर जानने का यह प्रयास किया गया है कि कोरोना काल के दौरान उनकी मदद के लिए सरकार कितनी तैयार थी. उन्हें उस दौरान किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इसके साथ ही, वैक्सीन लेने के लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनसे यह भी समझने का प्रयास किया गया है कि आखिर इसकी धार्मिक मान्यता क्या है. यानि, अलग-अलग धर्मों के लोग कोरोना वैक्सीन को लेकर क्या सोचते हैं. साथ ही, जो लोग इस वैक्सीन से बचना चाह रहे हैं उसकी क्या वजह है.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते एक तरफ जहां देश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई तो वहीं इस दौरान कई लोग बेरोजगार हो गए. कई लोगों के वेतन में कटौती की मार झेलनी पड़ी. इस मुश्किल समय में संयम के साथ लोगों ने यह वक्त काटा है. ऐसे में विभिन्न पहलुओं के साथ उनकी यह राय जानने की कोशिश की गई है.
[कोरोनाकाल में मोदी सरकार के कामकाज पर देश का मूड समझने के लिए रिसर्च एजेंसी C-वोटर ने ABP न्यूज के लिए एक सर्वे किया. इस सर्वे में देशभर के 40 हजार लोगों की राय ली गई है.]
आपके परिवार या पड़ोस में कोई संक्रमित हुआ ?
जब लोगों से यह पूछा गया कि आपके परिवार या पड़ोस में कोई संक्रमित हुआ ? तो इसके जवाब में 65% ने कहा कि कोई नहीं हुआ. 24% ने कहा संक्रमित हुए थे ठीक हो गए. 3 % लोगों की जान पहचान अब भी संक्रमित थे. 7% लोगों के घर में मौत हुई है. जबकि 1 प्रतिशत इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए.
कोरोना ने लोगों का रोजगार भी बहुत छीना है और अगर छीना नहीं है तो रोजगार पर असर हुआ है
जब लोगों से यह पूछा गया कि कोरोना ने लोगों का रोजगार भी बहुत छीना है और अगर छीना नहीं हो तो रोजगार पर असर हुआ है. इसके जवाब में 4 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं, उनकी आय नहीं घटी है. 6 परसेंट घर से काम कर रहे हैं और आय कम हुई है. 11 प्रतिशत बेरोजगार हुए. 2% लोगों का काम फुल टाइम से पार्ट टाइम हो गया. 2 फीसदी का तो काम और आमदनी दोनों रुक गए. 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कोरोना के नियमों में काम कर रहे हैं और उनकी आय नहीं घटी है.
37 प्रतिशत लोग कोविड के नियम कायदों में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी आय भी घटी है. जानकर हैरानी होगी कि 4 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जो काम भी कर रहे हैं और उनकी कोई आय भी नहीं हो रही. 3 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं, और सैलरी भी पूरी मिल रही है. जबकि 2 प्रतिशत लोग घर से काम नहीं कर रहे हैं लेकिन उनकी सैलरी घटी है. 7 प्रतिशत लोगों के रोजगार पर दूसरी वजहों से असर हुआ है. जबकि 2 प्रतिशत लोग कह नहीं सकते हैं कि असर हुआ कि नहीं हुआ.
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Source: IOCL





















