इलाहबाद/नई दिल्ली:बहुचर्चित आरुषि हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटी की हत्या के आरोप में सजा काट रहे पिता राजेश तलवार और मां नुपुर तलवार को बरी कर दिया है. सीबीआई अदालत का फैसला पलटते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं है इसलिए तलवार दंपति को संदेह का लाभ दिया जाता है. राजेश और नूपुर कल जेल से रिहा हो सकते हैं. मई 2008 में तलवार दंपति के नोएडा के घर पर उनकी बेटी आरुषि अपने कमरे में मृत मिली थीं. उसकी गला काटकर हत्या की गई थी. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.


इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद माता-पिता न सिर्फ कत्ल के आरोप से बरी किए गए हैं, बल्कि अपनी ही बेटी का कातिल होने का दाग धुला है. लेकिन इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर आरुषि को कातिल कौन है?


सरकारी वकील का कहना है कि सीबीआई ने कहा था कि अगर इलाहबाद हाईकोर्ट का फैसला उनके खिलाफ जाता है तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. इस केस की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने की. 2008 से ये मामला विभिन्न जांच एजेंसियों से गुजरता हुआ सीबीआई तक पहुंचा, उसने इसकी जांच की, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से साफ है कि अब तक आरुषि के कातिल से दुनिया अनजान है.


क्यों बरी किये गए तलवार?
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि तलवार दंपत्ति के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है और सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्य की बुनियाद पर सजा नहीं दी जा सकती.


मामला ये है कि निचली अदालत में ये बात सामने आई कि आरुषि और हेमराज का कत्ल किया था. उनकी गर्दन काटी गई थीं. लेकिन पुलिस और सीबीआई कत्ल के वैपन को आज तक हासिल नहीं कर सकी.


आपको बता दें कि आरुषि के माता पिता राजेश तलवार और नुपुर तलवार को सीबीआई की कोर्ट ने कत्ल का दोषी पाया था और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ तलवार दंपत्ति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति एके मिश्रा की खंडपीठ ने अब ये फैसला सुनाया.


फैसले के बाद तलवार दंपत्ति के अपनों की प्रतिक्रिया?
तलवार दंपत्ति के दोस्त राहुल मिश्रा का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले ने सीबीआई की जांच की पोल खोल दी है. उनका कहना है कि केवल केस जीतने के लिए सीबीआई को काम नहीं करना चाहिए, बल्कि सच्चाई सामने लाने का काम करना चाहिए. उनका कहना है कि जिस मानसिक तनाव से तलवार परिवार गुजरा है वो किसी दुश्मन को भी ना झेलना पड़े. राहुल मिश्रा ने कहा,  " बहुत बड़ी राहत मिली, सीबीआई का झूठ सामने आयाा."


सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
सीबीआई की विशेष अदालत ने राजेश-नुपुर तलवार दंपत्ति को अपनी बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज के कत्ल का दोषी पाया था और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. खंडपीठ ने तलवार दंपति की अपील पर सात सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला सुनाने की तारीख 12 अक्टूबर तय की थी.


फैसले से पहले रात भर नहीं सोए तलवार दंपत्ति
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद की डासना जेल में बंद तलवार दंपत्ति रात भर नहीं सोए. सुबह का नाश्ता भी नहीं किया. राजेश तलवार और नुपुर तलवार जेल स्टाफ से बार बार फैसले का अपडेट जानने को लेकर आग्रह करते रहे.


सबसे चर्चित मर्डर केस?
पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस केस की कहानी 2008 में शुरू हुई थी. 16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार इलाके में 14 साल की आरुषि का शव बरामद हुआ. अगले ही दिन पड़ोसी की छत से नौकर हेमराज का भी शव मिला.


केस में पुलिस ने आरुषि के पिता राजेश तलवार को गिरफ़्तार किया. 29 मई 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई की जांच के दौरान तलवार दंपति पर हत्या के केस दर्ज हुए.


मर्डर केस में सभी पक्षों की सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को नुपुर और राजेश तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. सीबीआई के फैसले के खिलाफ़ आरुषि की हत्या के दोषी माता-पिता हाई कोर्ट गए और अपील दायर की. राजेश और नुपुर फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं.