नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मरीजों का ट्रैक करने वाला सरकार आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन काफी मददगार उपकरण साबित हो रहा है. आरोग्य सेतु ने देश के 650 से ज्यादा हॉटस्पॉट और 300 से ज्यादा उभरते हॉटस्पॉट के बारे में अधिकारियों को सतर्क किया है, अन्यथा चूक हो सकती थी. ये बात नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कही है.


आरोग्य सेतु सरकार की कैसे करता है मदद
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, "उदाहरण के तौर पर, महाराष्ट्र में आरोग्य सेतु ऐप ने 18 जिलों में 60 से ज्यादा हॉटस्पॉट की पहचान की. देशभर में ऐप ने सब पोस्ट ऑफिस लेवल पर 130 हॉटस्पॉट के बारे में बताया. इस तरह बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय वास्तविक हॉटस्पॉट की घोषणा कर सकता है."

अभिताभ कांत ने कहा, आरोग्य सेतु ऐप ने सरकार को देश भर में 650 से ज्यादा हॉटस्पॉट के बारे में सचेत किया. साथ ही 300 से ज्यादा उभरते हुए हॉटस्पॉट के बारे में बताया, जो छूट सकते थे. ये ऐप हॉटस्पॉट का सटीक पूर्वानुमान देता है और ये नए हॉटस्पॉट बनने से रोकने में भी मदद करता है.

नीती आयोग प्रमुख ने बताया, अब तक लगभग 69 मिलियन लोगों ने सेल्फ असेसमेंट टेस्ट किया है. 3.4 मिलियन से ज्यादा लोगों ने खुद को अस्वस्थ घोषित किया है, क्योंकि उनमें एक या तीन से ज्यादा लक्षण दिख रहे थे. कोरोना के दो या दो से ज्यादा लक्षण दिखने वाले लोगों के पास स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक टीम पहुंची.

ऐप की मदद से 12500 लोग पाए गए पॉजिटिव
आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करने वाले कम से कम 12,500 यूजर्स में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. ये ऐप दो अप्रैल को लॉन्च किया गया था. तब से अबतक 96 मिलियन (9.6 करोड़) से ज्यादा लोग इसको डाउनडोड करके रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं. ये दुनियाभर में 5 करोड़ यूजर्स तक पहुंचने वाला सबसे तेज मोबाइल ऐप बन चुका है और अब 10 करोड़ क्लब में शामिल होने वाले सबसे तेज ऐप में एक होगा.

कोरोना के खिलाफ जंग में आरोग्य-सेतु ऐप सरकार की दो तरह से मदद कर रहा है- एक किसका टेस्ट करना है और दूसरा कहां ज्यादा टेस्ट करने हैं.

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