MCD Election: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर पद के लिए आम आदमी पार्टी उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है. याचिका में जल्द चुनाव की मांग की गई थी. आज उसे इस आधार पर वापस लिया गया कि 6 फरवरी को चुनाव होने जा रहे हैं. याचिका में मनोनीत पार्षदों को मतदान न करने देने की भी मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर कोई आदेश देने से मना कर दिया.


चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि मेयर चुनाव 6 फरवरी के लिए तय हो गया है. इसलिए, अब जल्द चुनाव की मांग पर सुनवाई की ज़रूरत नहीं है. इस पर याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) को मतदान से अलग रखने की मांग दोहराई.
   
'फिर से याचिका दाखिल कर सकते हैं'
चीफ जस्टिस ने एल्डरमैन को लेकर कोई आदेश देने से मना करते हुए कहा, "यह एक अलग विषय है. अगर हम इस पर सुनवाई करते हैं, तो चुनाव पर रोक लगानी होगी. आप यह भी नहीं चाहते कि चुनाव रुके. इसलिए, यह मसला रहने दिया जाए." जजों ने सिंघवी को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा कि ज़रूरत पड़ने पर वह फिर याचिका दाखिल कर सकते हैं.


विवाद के कारण चुनाव रुका
7 दिसंबर को एमसीडी चुनाव के परिणाम आए थे. इसमें आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 104 वार्ड में जीत हासिल हुई थी. उसके बाद से 2 बार महापौर (मेयर) के चुनाव के लिए सदन की बैठक हुई, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाया. 


आम आदमी पार्टी मनोनीत पार्षदों के मतदान में शामिल होने का विरोध कर रही है. उसका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 243 R और दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 3 के तहत मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं है.


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