Rape Cases In India: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) की नवीनतम रिपोर्ट में रेप (Rape) मामलों में इजाफा देखने को मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में रोजाना औसतन 86 रेप के मामले दर्ज हो रहे हैं. साल 2021 में बलात्कार के कुल 31 हजार 677 मामले दर्ज हुए जिनमें से बालिगों की तुलना में नाबालिगों के साथ रेप की घटनाओं की संख्या अधिक है.

रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में बालिग महिलाओं के साथ बलात्कार के कुल 28 हजार 644 मामले दर्ज हुए तो वहीं नाबालिगों के साथ 36 हजार 069 घटनाएं हुईं. इन नाबालिगों के आंकड़े का बड़ा हिस्सा पॉक्सो के तहत दर्ज हुआ है. वहीं, अन्य मामले भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत दर्ज हुए हैं. पिछले 5 साल के आंकड़ों की तुलना में नाबालिग महिलाओं के साथ बलात्कार के मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.

देश में रेप को लेकर कानून

धारा 375 में रेप के मामलों को परिभाषित किया गया है. बलात्कार को अंजाम देने वाले आरोपी के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है. रेप के लिए भारतीय दंड संहिता यानी Indian Penal Code में धारा 376 के तहत सजा का प्रावधान है. इस श्रेणी के मुताबिक, अपराधी को 7 साल की सजा से लेकर मृत्यु की सजा तक का प्रावधान है.

पॉक्सो एक्ट

वहीं, नाबालिकों का संरक्षण करने के लिए पॉक्सो एक्ट बनाया गया. इस कानून को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पॉक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया. इस कानून के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप के दोषी को फांसी की सजा का प्रावधन है. ये नहीं, पॉक्सो कानून बच्चों के खिलाफ अपराधों को 'जेंडर न्यूट्रल' भी बनाता है. इसका सीधा मतलब ये है कि कानून बच्चियों के साथ-साथ लड़कों के खिलाफ हुए अपराध को भी देखता है.

बढ़ते रेप के क्या हो सकते हैं कारण?

अश्लील सामग्री

ये कहना गलत नहीं होगा कि डिजिटल क्रांति ने हर शख्स के हाथ में अश्लील सामग्री की पहुंच आसान कर दी है. ये आसान पहुंच लोगों की मानसिकता पर प्रभाव डालता है जिस कारण इस तरह के मामलों में इजाफा हो रहा है. वहीं, कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति अपराधियों का हौसला और बुलंद कर देती है.

सजा में देरी

भले ही देश में बलात्कार को लेकर कानून बने हो लेकिन सजा की प्रक्रिया बेहद जटिल है जिस कारण अपराधी को सजा मिलने में बहुत अधिक समय लग जाता है. रेप मामलों में आऱोपी को जल्द से जल्द सजा मिली जानी चाहिए जिससे लोगों में डर पैदा हो.

नैतिक शिक्षा

नैतिक शिक्षा की कमी भी इसका एक मुख्य कारण मानी जा सकती है. नैतिक शिक्षा का सीधा अर्थ होता है, वो व्यवहार जिससे सबकी रक्षा हो सके. ये शिक्षा बच्चों को छोटी उम्र से ही दी जानी चाहिए. नैतिक सिक्षा सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है इसलिए नैतिक शिक्षा जरूरी होती है.

रेप मामलों के बढ़ने की और भी तमाम वजह हो सकती हैं. नशा, सोशल मीडिया, कानून का खौफ ना होना समेत और कई. परेशानी की बात ये है कि मामले दिन पर दिन बढ़ रहे हैं और देश की महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. रेप मामलों पर लगाम लगाने के लिए कानून व्यवस्था का सख्त होना बेहद जरूरी है. लोगों में जब तक कानून का डर नहीं होगा तब तक इस तरह अपराध दर्ज होते रहेंगे.