विधानसभा सत्र के पहले दिन एक महिला ने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर खुद को जलाने की कोशिश की है. हालांकि सही समय पर पुलिस ने महिला की जान बचा ली. महिला का नाम साराबाई पाखरे बताया जा रहा है जिसकी उम्र 60 साल है. दरअसल, पाखरे के खिलाफ मुंबई में एक मामला दर्ज है.

महिला का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने उसे फंसाने की कोशिश की और मामला गलत तरीके से दर्ज किया गया. महिला की मांग है कि इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई हो और उसके खिलाफ दर्ज मामला (FIR) रद्द की जाए. पाखरे ने शाम 5:30 बजे के आसपास मंत्रालय के गेट पर जाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी.

महाराष्ट्र विधानसभा सत्र की हुई गुरुवार से शुरुआत

बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र की गुरुवार से शुरुआत हो गई है. सत्र के पहले दिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को महा विकास अघाडी (MVA) के विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ा. राज्यपाल कोश्यारी जब सदन को संबोधित कर रहे थे तो MVA के विधायक नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण भगत सिंह कोश्यारी को बीच में ही अपना भाषण छोड़कर जाना पड़ा.

ये है मामला...

भगत सिंह कोश्यारी को इससे पहले राज्य भर में भी विरोध का सामना करना पड़ा था. राज्य के कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए. दरअसल, राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर गुरु समर्थ रामदास स्वामी नहीं होते तो आज छत्रपति शिवाजी को कौन पूछता? बढ़ते हुए विरोध को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जलगांव में पत्रकारों से बात करते हुए अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं, राष्ट्र के भी प्रेरणास्रोत हैं. मुझे जितना पता था, जितना मैंने शुरुआती समय में पढ़ा था, उसके आधार पर यही जानता था कि समर्थ रामदास स्वामी उनके गुरु थे. अब मुझे लोगों ने इतिहास के कुछ अलग तथ्य बताए हैं. मैं उन तथ्यों का अध्ययन करूंगा.

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