गुरुग्राम में टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से कोविड-19 टीकों की लगभग 60,000 खुराक बर्बाद हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी. अधिकारियों ने शुरुआती दिनों में टीकों की बर्बादी के लिए लोगों में वैक्सीन लेने को लेकर हिचकिचाहट और सिस्टम में गड़बड़ियों को जिम्मेदार ठहराया.


जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एम पी सिंह ने कहा, “अब तक जिले में टीके की लगभग 60,000 खुराक बर्बाद हो चुकी है, लेकिन बर्बादी के अलग-अलग कारण हैं. हमने पाया है कि पहले चरण में कई स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया था, लेकिन सिस्टम में गड़बड़ियों के कारण डेटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा सका.


इसके अलावा, शुरू में लोग वैक्सीन लेने के लिए इतने उत्सुक नहीं थे, इसलिए अगर एक शीशी खोली गई और चार घंटे के भीतर पर्याप्त लोगों को टीका नहीं लगा तो वह बेकार हो गई." अधिकारियों ने कहा कि जनवरी-फरवरी के महीने में कोवैक्सीन की प्रत्येक शीशी में 20 खुराकें थीं, जिससे बहुत नुक्सान हुआ, क्योंकि चार घंटे की समय सीमा के भीतर बहुत से लोगों को टीका नहीं लगाया जा सकता था. उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन की बर्बादी की वजह से बहुत से जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल सका.


गुड़गांव में मरीजों को मिलेंगी फ्री कोविड केयर सुविधाएं


गुड़गांव में फ्री कोविड केयर सुविधाएं शुरू करने के लिए मेडडो फाउंडेशन, ट्रीबो और स्विगी जैसी संस्थाएं संगठित हुई हैं और  L1 सुविधा के रूप में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों को प्रारंभिक चरण में इलाज में मदद करेंगे. इन संस्थानों का इरादा गैर-गंभीर रोगियों की देखभाल कर, अस्पतालों पर बोझ कम करना है. यह COVID-19 रोगियों को मुफ्त बेड्स देंगे और केवल चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और डायग्नोस्टिक्स जैसे ओवरहेड्स चार्ज करेंगे.


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