जयपुर: राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. रोडवेज कर्मी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, रोडवेज में नई भर्तियां करने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं.
राजस्थान रोडवेज वर्कस यूनियन के महासचिव किशन सिंह राठौड ने बताया कि रोडवेज के करीब 95 प्रतिशत कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, रोडवेज में आठ हजार खाली पदों पर नई भर्तियों के लिये प्रतिबंध हटाने, आठ लाख किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी एक हजार बसों की जगह नई बसें खरीदने सहित अन्य मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर है.
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उन्होंने कहा कि हड़ताल जब तक जारी रहेगी तब तक कि उनकी मांगें नहीं मान ली जाती है. यह हड़ताल एटक, सीटी, इंटक, आरएसआरटीसी रिटायर्ड एम्पलाइज एसोसिएशन, राजस्थान रोडवेज सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति और बीजेएमएम के बैनर तले हो रही है. हड़ताल में रोडवेज के करीब 16 हजार कर्मचारी शामिल है.
रोडवेज की हड़ताल के कारण यात्रियों को खासा परेशान होना पड़ रहा है. इस पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिये कोई पहल नहीं की है. मोर्चे की मांग है कि आचार संहिता से पूर्व गत 27 जुलाई को सरकार द्वारा किये गये समझौते को लागू किया जाये. रोडवेज कर्मचारियों ने गत 25-27 जुलाई तक तीन दिन की हड़ताल की थी. जिसके बाद 27 जुलाई को सरकार के साथ एक समझौते के तहत विभिन्न मांगों पर सहमति बनी थी और कर्मचारी काम पर लौट आये थे.
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