नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा मामले में जिस वॉट्सग्रुप ग्रुप के जरिये हिंसा फैलाने का आरोप लगा उसके 60 में से 37 सदस्यों की पहचान हो गई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन 37 लोगों को नोटिस भेजकर जल्दी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. इस ग्रुप का एडमिन योगेंद्र भारद्वाज नाम का छात्र है. कल ही दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया था कि योगेंद्र भारद्वाजजेएनयू का ही स्टूडेंट है और एबीवीपी से जुड़ा है.


इसके साथ ही एक और बड़ी जानकारी सामने आयी है. सूत्रों के मुताबिक अभी तक 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नाम के जिस ग्रुप से 37 लोगों की पहचान हुई है, उनमें से करीब 10 बाहरी लोग थे जिन्होंने हिंसा को अंजाम दिया. जांच के दौरान ये भी पता चला है कि दोनों ग्रुप यानी लेफ्ट और राइट ने हिंसा में बाहरी लड़कों की मदद ली.


JNU के स्टूडेंट्स ने ही इन बाहरी उपद्रवियों को कैंपस में एंट्री करवाई. इसमें जेएनयू की सिक्योरिटी भी शक के दायरे में है. आईशी घोष समेत जिन 9 लोगों की वायरल वीडियो के आधार पर पहचान हुई है उनके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और फॉरेंसिक एविडेंसस जुटाए जा रहे हैं, जिसके बाद जल्द इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.