नई दिल्ली: 1984 सिख दंगा मामले में सजा के खिलाफ सज्जन कुमार के अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और 6 हफ्ते में जवाब मांगा है. कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन को दिल्ली हाईकोर्ट ने मृत्यु तक जेल में रहने की सज़ा दी है. 31 दिसंबर को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था. सज्जन कुमार ने याचिका में सजा पर रोक लगा कर, खुद को रिहा करने की भी मांग की है. कोर्ट ने इस पर जवाब मांगा है.
सज्जन कुमार की याचिका पर पीड़ित पक्ष के वकील एसएस फूल्का ने कहा कि उन्हें राहत संबंधी याचिका लगाने का हक है. लेकिन हम उनकी याचिका का कोर्ट में विरोध करेंगे. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत है. हमारे साथ तीन प्रत्यक्षदर्शी हैं. हाईकोर्ट ने सबूतों के आधार पर उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
सज्जन कुमार को मंडोली जेल में रखा गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 दिसंबर को उन्हें सजा सुनाई थी. सज्जन कुमार को केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, राघवेंद्र सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की दिल्ली छावनी के राज नगर इलाके में भीड़ द्वारा हत्या किए जाने के मामले में दोषी करार दिया गया है. पांचों पीड़ित एक ही परिवार से थे. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद सिखों के खिलाफ दिल्ली में दंगे हुए थे.