नई दिल्लीः पूरे देश में अचानक इमारत गिरने की खबरें तेजी से आ रहीं हैं. इसी बीच एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि कुछ कंपनियां सरिया बनाने के लिए घटिया मैटेरियल इस्तेमाल कर रही हैं. इस ताज़ा रिपोर्ट के आंकड़े बहुत परेशान करने वाले हैं. बाज़ार में बिक रहे ज्यादातर सरियों की क्वालिटी महज़ ख़राब ही नहीं बल्कि घटिया है. देश के 26 बड़े ब्रांड्स में से 18 ब्रांड के सरिए लैब टेस्ट में फेल हो गए हैं
बिल्डिंग क्षेत्र की थिंकटैंक फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल ने सरकारी और निजी दोनों की 26 कंपनियों के नमूनों को टेस्ट के लिए भेजा जिनमें 18 कंपनियों का सरिया खराब पाया गया. कई ब्रांड्स की 8 एमएम, 16 एमएम और 25 एमएम के सरिया में रासायनिक गड़बड़ी थीं. फेल हुए सरियों में फॉस्फोरस और सल्फर की मात्रा ज्यादा थी. टेस्ट में फेल सरिया सीलन में तेजी से जंग पकड़ता है जिससे बिल्डिंग कमजोर होकर गिर जाती है. इस रिपोर्ट के बाद देश का लगभग 6 खरब रुपयों का इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश खतरे में आ गया है.
जांच में पाया गया कि निर्माण लागत कम करने के लिए सरिया कंपनियों ने फॉस्फोरस और सल्फर की मात्राओं में गड़बड़ी की है. जानकारों का मानना है कि लागत कम करने के लिए कंपनियां कबाड़ से भी सरिया बना रही हैं जिसकी वजह से मकान गिरने के हादसे हो रहे हैं. अब थिंकटैंक फर्स्ट कांस्ट्रक्शन काउंसिल इस्पात मंत्रालय से शिकायत कर कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की सिफारिश करेगी.
सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि ऐसे कई हजार टन खराब सरिया मॉर्केट में मौजूद हैं, कितनों का इस्तेमाल हो चुका है और अब उसको रोकना बड़ी चुनौती होगी.
आम आदमी कैसे पता लगाये कि सरिये की क्वालिटी कैसी है? सरिए का बैच नंबर होता है और डीलर को आपको उसकी मजबूती का टेस्ट रिजल्ट दिखाना चाहिए. दूसरा टेस्ट भी होना चाहिए जिससे पता लगेगा कि कार्बन इतना होना चाहिए और फॉस्फोरस और सल्फर कितना होना चाहिए.
मार्केट में घटिया और बढ़िया दोनों सरिया मौजूद रहता है. बिल्डर या ठेकेदार पैसे बचाने के लिए सरिया की क्वालिटी से समझौता करता है क्योंकि बढ़िया और घटिया सरिया के बीच का अंतर करीब 8 हजार रुपए प्रति टन होता है. सरिया का काम बिल्डिंग की इलास्टिसिटी यानि लचक बरकरार रखना होता है ताकि भूकंप आए तो बिल्डिंग झुके पर गिरे नहीं. अगर घटिया क्वालिटी का सरिया लगा होगा बिल्डिंग भरभराकर गिर जाएगी.
बीआईएस यानि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स सरिया के लिए मानक तो तय कर देती है लेकिन उसकी अनदेखी को पकड़ने के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं है. बीआईएस नियम बना देती है लेकिन जांच के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. ऐसे में अगर आपको पता करना है कि किस कंपनी का सरिया सही है और किसका खराब तो आप फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल की वेबसाइट पर जाकर पूरी लिस्ट देख सकते हैं. वैसे बिल्डर और सरिया कंपनियों के बीच सांठगांठ की एक बड़ी वजह बायर्स की लापरवाही भी है. अगर खरीदार मकान लेते समय कच्चे माल की जानकारी भी ले लें तो आपके घर की सुरक्षा और पक्की हो सकती है.