ED Attached 3.68 Crore: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली में एम्स से 13.43 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान और धोखाधड़ी के मामले में दो अचल संपत्तियां तथा आरोपी के बैंक खाते से 3.43 करोड़ रुपये की धनराशि अटैच कर ली है. मैसर्स स्नेह एंटरप्राइजेज और उसकी मालकिन स्नेह रानी पर यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत की गई है. इससे पहले ईडी ने एम्स के एक कर्मचारी बिजेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC 1860) की विभिन्न धाराओं के तहत 2021 में दिल्ली पुलिस के पास मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण की जांच शुरू की थी.

कोरोना संक्रमण काल में एम्स (AIIMS) के डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद सेंटर फॉर ऑप्थाल्मिक साइंसेज (RPC) से लिनन और अन्य स्टोर आइटम की आपूर्ति के बिना मैसर्स स्नेह एंटरप्राइजेज को भुगतान जारी कर दिया गया. ईडी ने जांच में पाया कि कनिष्ठ प्रशासनिक सहायक बिजेंद्र कुमार और अन्य ने एक एक रणनीति बनाकर एम्स के साथ धोखाधड़ी की और भुगतान की आड़ में बड़ी रकम का घोटाला किया. दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 की अवधि के दौरान 13.43 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है. बिजेंद्र कुमार कनिष्ठ प्रशासनिक सहायक के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने कार्यक्रम सहायक (संविदात्मक) की सहायता से तत्कालीन आरपीसी एम्स के प्रमुख डॉ. अतुल कुमार की सहायता से नकली मांग पत्र तैयार किए. इसके साथ ही नकली आपूर्ति आदेश तक बना लिये. इसके अलावा भुगतान और डिलीवरी चालान भी नकली बनाए गए. माल की डिलीवरी लिये बगैर मैसर्स स्नेह इंटरप्राइजेज को 13.43 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई. इस धनराशि से दो अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया गया. मैसर्स स्नेह इंटरप्राइजेज की मालकिन स्नेह रानी ने एम्स से धोखाधड़ी से प्राप्त 70 लाख की धनराशि को अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिये. इससे आगे भी विभिन्न पार्टियों को भुगतान किया गया. मेसर्स स्नेह एंटरप्राइजेज और उसके मालिक के बैंक खातों में 2.98 करोड़ रुपये की राशि का पता लगाया गया. अभी ईडी इस मामले में आगे जांच कर रहा है.

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