मुंबई: मुंबई के डोंगरी इलाके में कल हुए बिल्डिंग हादसे में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है. मरने वालों में एक 18 महीने का बच्चा और चार महिलाएं शामिल हैं. अभी भी कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. जबकि 21 लोगों को बचाया गया है. हादसे वाले जगह रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. कल सुबह 11.15 बजे के करीब यहां चार मंजिला इमारत ढह गई. कैसरबाई मेंशन नाम के इस इमारत में 15 परिवार रहते थे.

जिंदा बचने वालों में एक तीन साल की बच्ची और 3 साल का एक लड़का

इस इमारत का एक बड़ा हिस्सा 100 साल पुराना है. जबकि धराशाई हुआ हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया था. बीएमसी, फायर ब्रिगेड, पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्य में लगे हुए है. एक अनुमान के मुताबिक, 40 से 50 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. इस घरना में 13 लोगों की मौत हुई है जबकि 8 घायल हैं. जिंदा बचने वालों में एक तीन साल की बच्ची और 3 साल का एक लड़का है.

बीएमसी के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों की पहचान साबिया निसार शेख (25), सायरा रेहान शेख (25), के. अमीराजान (13), सना सलमानी (25), जुबैर सलमानी (20), अब्दुल सत्तार कालू शेख (55), मुजम्मिल मंसूर सलमानी (15), जावेद इस्माइल (34), अरहान शहजाद (40), इब्राहीम (डेढ़ साल) के रूप में हुई है.

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी- सीएम फडणवीस

इस इमारत को रीडेवलपमेंट की इजाजात दी गई थी जिस पर काम शुरु नहीं हुआ था. अभी प्राथमिकता लोगों की बाहर निकालने की है जिसके बाद आपराधिक कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की जांच का आदेश दिया है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

विपक्षी दलों ने हादसे के लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की विस्तृत जांच की मांग की है. उन्होंने दोषी पाए जाने वालों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है. इस बीच, एक आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने बताया, "बृहनमुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने बांबे हाई कोर्ट के निर्देश पर जर्जर इमारतों की सूची तैयार की थी. स्तब्ध करने वाली बात है कि इस सूची में केसरबाई इमारत का दूर दूर तक नाम नहीं है.''

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