वायु प्रदूषण भारत समेत दुनिया की चिंता का एक प्रमुख कारण बन गया है. दूषित हवा खांसी, गले में जलन और वायरल संक्रमण फैलाने का कारण बन रही है. दिल की बीमारी और अस्थमा के मरीजों के लिए तो स्थिति और भी ज्यादा खराब है.


एक शोध में कोरोना वायरस महामारी से होनेवाली मौत के पीछे जहरीली हवा का भी फैक्टर जुड़ गया है. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दुनिया की सरकारें जहां अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं, वहीं भारत में भी केंद्र सरकार कानून बनाने पर विचार कर रही है. लेकिन, बढ़ते वायु प्रदूषण से आप खुद को कैसे बचाएं, इस सवाल का जवाब जानना बहुत जरूरी है.


सुबह की चहलकदमी से दूर रहें


व्यायाम जरूरी है लेकिन उस वक्त नहीं जब जहरीली हवा आपकी सांस का हिस्सा बन रही हो. आउटडोर में जॉगिंग, वॉकिंग, रनिंग करनेवालों को धुंध के सामान्य होने तक अपनी गतिविधि रोक देनी चाहिए. इसके बजाए, व्यायाम की गतिविधि शाम के वक्त की जा सकती है. जब बाहर निकलें तो N95/99 मास्क का उपयोग जरूर करें.


हवा को शुद्ध करनेवाले पौधे लगाएं


हवा को शुद्ध करनेवाले पौधे जैसे एलोवेरा, आइवी और स्पाइडर घर और दफ्तरों में लगाए जा सकते हैं. ये पौधे अंदरुनी हवा को स्वच्छ बनाने में मदद करते हैं और इनडोर प्रदूषण को कम करते हैं. घर के अंदर के वायु प्रदूषण से बचने के लिए किचन में चिमनी को सुनिश्चित करें. बहुत कम लोगों को जानकारी है कि इनडोर प्रदूषण आउटडोर प्रदूषण से ज्यादा खराब होता है.


बच्चों की बाहरी गतिविधियों को रोकें


आठ साल से कम उम्र के बच्चों को बाहर निकलने न दें. अगर संभव हो, तो स्कूल के अधिकारियों से आउटडोर गतिविधियों को स्थगति करने की अपील करें. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के रूम में एयर प्यूरिफायर लगाएं क्योंकि उन्हें जहरीली हवा के बुरे प्रभाव का खतरा सबसे ज्यादा होता है.


अपने घर और कार को हवादार बनाएं


शाम के 3-5 बजे के बीच खिड़की और दरवाजों को हवा निकालने के लिए खोलें. सुबह में जब अपनी कार चलाने जा रहे हैं, तो शीशे को नीचा करें जिससे अंदर की हवा बाहर निकल सके.


विटामिन सी, ओमेगा फैट्टी एसिड डाइट लें


विटामिन सी, मैग्नीशियम से भरपूर फल का सेवन करें और अधिक ओमेगा फैट्टी एसिड फूड को खाएं. हेल्दी डाइट के इस्तेमाल से आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर प्रदूषण के खराब प्रभाव का मुकाबला कर सकेंगे. इसके अलावा, फेफड़ों से प्रदूषकों को निकालने के लिए गुड़ का सेवन करें. आप रोजाना खाने में चीनी के विकल्प के तौर पर गुड़ को चुन सकते हैं. प्रदूषण वाली जगह पर अदरक और तुलसी की चाय दिन में एक या दो बार पीने से प्रदूषण के प्रभावों को कम करने में भी मदद मिलेगी.


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