Delhi Services Bill News:  संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्डा ने दिल्ली सर्विसेज बिल पर हुई बहस को लेकर काफी संजीदगी से अपनी बात रखी. उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर और शायर राहत इंदौरी के शेर के साथ महाभारत काल का भी उदाहरण पेश किया. उन्होंने तथ्यों के साथ अपनी बात सदन में रखी. इसके अलावा इस बिल पर उन्होंने सदन में उपस्थिति अन्य पार्टियों के सांसदों से आम आदमी पार्टी का साथ देने और दिल्ली बिल का विरोध करने की पुरजोर सिफारिश की. राघव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह बिल सिर्फ दिल्ली के अधिकारों छीनने के लिए लाया गया है.  


जब राघव ने पांडवों’ के प्रस्ताव का दिया उदाहरणः पंजाब से राज्य सभा पहुंचे राघव चड्डा ने सदन में अपनी बात रखने को मिले 14 मिनटों में बीजेपी पर तीखे हमले किए. बहरहाल जब वह पांडवों के प्रस्ताव को लेकर कौरवों के पास गये श्रीकृष्ण के संवादों का व्याख्यान सदन में कर रहे थे तो उनके बगल में एनसीपी प्रमुख शरद पवार बगैर किसी प्रतिक्रिया के चुपचाप बैठे रहे. वहीं गृह मंत्री अमित शाह आप सांसद राघव की व्याख्या के बाद सांसदों के रिएक्शन सुनकर जोर से हंस पड़े.


आप पार्टी की तुलना ‘पांडवों’ से कीः दरअसल राघव चड्डा ने सदन में आप की तुलना पांडवों से और बीजेपी की तुलना कौरवों से की. उन्होंने कहा कि यह उसी तरह की स्थिति है, जब भगवान श्रीकृष्ण पांडवों की ओर प्रस्ताव लेकर कौरवों के पास गए थे. उस वक्त दुर्योधन ने अहंकार में आकर 5 गांव तक देने से इंकार कर दिया था. इतना ही नहीं वह अहंकार में आकर भगवान कृष्ण को ही बंदी बनाने का आदेश देने लगा था. उस समय श्री कृष्ण ने कहा था कि ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’. ठीक उसी तरह आज बीजेपी भी अहंकार में डूबी हुई है. उसने भी दिल्ली और आप सरकार के अधिकार छीनने के इरादे से यह बिल पेश किया है.


अटल और आडवाणी जी का अपमान न करेःं राघव चड्डा ने बीजेपी को उनके पुराने घोषणा पत्रों के सहारे भी घेरा. उन्होंने सदन को बताया कि बीजेपी स्वयं पिछले 40 सालों से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संघर्ष कर रही थी. उन्होंने बीजेपी के कई घोषणा पत्र सदन में लहराकर दिखाते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी और मदन लाल खुराना जैसे बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारा नहीं तो कम से कम अटल और आडवाणी जी का तो लिहाज कर लें. अंत में उन्होंने राहत इंदौरी जी का शेर सुनाते हुए अपनी बात खत्म की. अगर “आग लगेगी तो इसमें सिर्फ हमारा ही घर नहीं जलेगा, इस मुहल्ले में मकान और भी हैं.”    


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