5 अक्टूबर को ओडिशा के कटक में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान 2 गुटों में विवाद हो गय. प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी. अब तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और प्रशासन ने 36 घंटे कर्फ्यू लगा दिया.
तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि कटक में सांप्रदायिक दंगा कैसे भड़का, शासन-प्रशासन ने अब तक क्या किया और ओडिशा में दंगों का इतिहास क्या है...
सवाल 1- कटक में सांप्रादायिक दंगा कैसे भड़क गया?जवाब- कटक पुलिस के मुताबिक, रविवार को दरागाबाजार इलाके से विसर्जन शोभायात्रा देबीगारा में नदी के तट तक जा रही थी. रात के करीब 1:30 बजे से 2 बजे के बीच हाती पोखरी इलाके में हिंसा हुई.
- झगड़ा तब शुरू हुआ जब कुछ स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज आवाज वाले संगीत का विरोध किया. थोड़ी ही देर में विवाद बढ़ गया. छतों से पत्थर और बोतलें फेंकी जाने लगीं. इसमें 25 से ज्यादा लोग घायल हुए. घायलों में डीसीपी खिलारी ऋषिकेश ज्ञानदेव भी शामिल हैं.
- पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद यानी VHP को बाइक रैली निकालने की अनुमति नहीं दी. इसके बावजूद बिद्यापुर से बाइक रैली शुरू की गई और दरगाह बाजार होते हुए CDA सेक्टर 11 तक गई. इससे हिंसा और भड़क गई. VHP और पुलिस के बीच भी टकराव हुआ.
- असिस्टेंट फायर ऑफिसर संजीव कुमार बेहेरा के मुताबिक, दंगाइयों ने गौरीशंकर पार्क के पास कई जगहों पर आग लगाई. पुलिस को 8-10 जगहों पर आग लगने की सूचना मिली. आग बुझाने के दौरान भीड़ ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की.
- भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. कई गाड़ियां और दुकानें तोड़ दी गई. करीब 3 घंटे तक विसर्जन रुका रहा. बाद में कड़ी सुरक्षा में विसर्जन दोबारा शुरू हुआ और सुबह 9:30 बजे तक सभी मूर्तियों का विसर्जन पूरा किया गया.
सवाल 2- कटक हिंसा पर सरकार, विपक्ष और जनता का क्या कहना है?जवाब- ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हिंसा को असामाजिक तत्वों की साजिश बताया और शांति बनाए रखने की अपील की. CM माझी ने कहा, 'कटक हजार साल पुराना शहर है, जो भाईचारे का प्रतीक है. कुछ बदमाशों ने शांति भंग की है. सभी समुदाय मिलकर सामंजस्य रखें. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
वहीं, ओडिशा के पूर्व CM नवीन पटनायक ने हिंसा को गहरी चिंता का विषय बताया. उन्होंने कहा, 'कटक भाईचारे का शहर है, जहां सभी धर्म के लोग सदियों से साथ रहते हैं. असामाजिक तत्व शांति तोड़ना चाहते हैं. संयम बरतें और दोषियों को सजा दें.'
VHP ने प्रशासन को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया. VHP की ओर से बयान जारी हुआ, 'प्रशासन की पूरी नाकामी. जुलूस पर सुनियोजित हमला हुआ. पुलिस ने हिंदूओं की सुरक्षा नहीं की.' VHP ने 6 अक्टूबर को 12 घंटे का बंद बुलाया और डीसीपी-कलेक्टर के तबादले की मांग की.
वहीं, X की पोस्ट्स के मुताबिक, स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज म्यूजिक पर आपत्ति थी, लेकिन हिंसा गलत है. यह स्थानीय विवाद था, न कि धार्मिक विवाद.
सवाल 3- कटक शहर की आबादी और धर्म का बंटवारा कैसा है?जवाब- कटक ओडिशा का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, जो महानदी के किनारे बसा है. यह व्यापार और संस्कृति का केंद्र है. यहां प्रति 1 हजार पुरुषों पर 930 महिलाएं हैं. इसके अलावा...
- 2025 की जनसंख्या के अनुमान के मुताबिक, कटक शहर में करीब 8.4 लाख लोग रहे हैं. मेट्रो सिटी में आबादी 9.5 लाख है. वहीं कटक जिले में करीब 26.2 लाख लोग रहते हैं.
- इसमें 89.65% हिंदू, 8.23% मुस्लिम और 2.12% अन्य समुदाय के लोग शामिल हैं.
- कटक में दरगाह बाजार जैसे कुछ इलाके मुस्लिम बहुल हैं, जो संवेदनशील माने जाते हैं. हिंदू बहुल इलाकों में बाराबती, तुलसीपुर और कैंटोनमेंट रोड जैसे इलाके हैं.
सवाल 4- तो फिर कटक में यह पहली बार दंगा हुआ या इसका इतिहास है?जवाब- BJD पार्टी के नवीन पटनायक 2000 से 2024 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे. उनकी सरकार को आमतौर पर शांतिपूर्ण माना जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ सांप्रदायिक दंगे हुए. सटीक संख्या देना मुश्किल है, क्योंकि छोटी-मोटी घटनाएं रिकॉर्ड में नहीं आतीं. लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 200 से ज्यादा छोटे-बड़े सांप्रदायिक दंगे हुए.
- 2024 में भद्रक दंगा: बकरीद के दौरान गौहत्या और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर छोटी-मोटी हिंसा हुई. इस दौरान भद्रक, बालासोर और खुदा इलाकों में मामले ने तूल पकड़ा. पुलिस ने कर्फ्यू लगाकर हालात पर काबू पाए. कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई.
- 2023 में संबलपुर हिंसा: हनुमान जयंती के जुलूस पर पत्थरबाजी हुई. कई लोग घायल हुए, इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई और कर्फ्यू लागू किया गया. इसमें कई लोग घायल हुए.
- 2017 में भद्र हिंसा: फेसबुक पर राम नवमी के बारे में एक अपमानजनक पोस्ट से दो समुदायों में टकराव हुआ. कोई मौत नहीं हुई लेकिन 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए. पुलिस ने कर्फ्यू लागू किया और इंटरनेट सर्विस बंद कर के काबू पाया. इस हिंसा की वजह सोशल मीडिया की अफवाह थी.
- 2008 में कंधमाल दंगा: VHP के नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद हिंदू-ईसाई समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए. 1200 से ज्यादा घर, चर्च और दुकानें जलाई गईं. हजारों लोग विस्थापित हुए. यह ओडिशा का सबसे बड़े दंगा था. इस घटना ने BJD-BJP गठबंधन तोड़ दिया, क्योंकि BJP ने सरकार पर कार्रवाई में ढील का आरोप लगाया.