मुंबई : क्राइम ब्रांच ने मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में जाल बिछाकर ट्रांसफर/पोस्टिंग करने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है. यह गिरोह बड़े सरकारी अधिकारियों को उनकी मनचाही पोस्टिंग देने के नाम पर पैसे उगाही करता था. पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया हैं. इसमें एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल है. गिरोह के फर्जीवाडे से सोलापुर के एसपी नामदेव चव्हाण ने पर्दा उठाया. जिनसे से गिरोह मुंबई पोस्टिंग के लिए 25 लाख रुपये की मांग कर रहा था.


माली सोलापुर में मिस्टर नटवरलाल के नाम से प्रसिद्ध है


पुलिस के अनुसार सोलापुर का किशोर माली इस गिरोह का सरगना है. किशोर माली सोलापुर में मिस्टर नटवरलाल के नाम से प्रसिद्ध है. एक जमाने में माली को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल का करीबी माना जाता था. पुलिस का दावा है कि किशोर माली, महानंदा डेरी के जनरल मैनेजर विद्यासागर हिरेमुख, पुणे के विशाल ओंबले और दिल्ली के रविंद्रसिंह राठौड मिलकर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को उनके पसंदीदा पोस्टिंग देने का रैकेट चलाते थे.


यह भी पढ़ें : यूपी : बढ़ते अपराध पर उखड़े सीएम योगी, कहा- 'पानी सिर से ऊपर, अब खुद देखूंगा लॉ एंड ऑर्डर'


चव्हाण को भी ऐसा ही एक ऑफर दिया और पहुंच गए सलाखों के पीछे


किशोर माली ने सोलापुर के डीसीपी नामदेव चव्हाण को भी ऐसा ही एक ऑफर दिया और पहुंच गए सलाखों के पीछे. नामदेव चव्हाण को सोलापुर से मुंबई लाने के लिए किशोर माली ने 25 लाख की रकम मांगी. इस काम को पुरा करने के लिए महानंदा डेरी के जीएम विद्यासागर हिरेमुख पद के इस्तेमाल का दावा कर रहा था. वहीं दिल्ली के रविंद्र सिंह राठौड के दिल्ली कनेक्शन को भी इस्तेमाल करने का दावा कर रहा था.


गिरोह की जानकारी महाराष्ट्र पुलिस के कुछ बड़े अधिकारियों को मिली थी


बताया जा रहा है इस गिरोह की जानकारी महाराष्ट्र पुलिस के कुछ बड़े अधिकारियों को मिली थी. अधिकारियों को ये भी जानकारी मिली ये गिरोह फ़िलहाल डीसीपी नामदेव चव्हाण के संपर्क में है. अधिकारियों ने चव्हाण को इस मामले में शिकायतकर्ता बनाकर इस गिरोह को पकड़वाने के सिए कहा. 1 मई को क्राइम ब्रांच ने नामदेव चव्हाण की शिकायत दर्ज कराई और तीन टीम लगाकर इस गिरोह का भांडाफोड करने की कार्रवाई शुरु की.


यह भी पढ़ें : देश की 10 'मौतें' जिन पर अभी भी बरकरार है 'रहस्य'