नागपुर: विशेष सीबीआई जज बीएच लोया की नागपुर के एक अस्पताल में करीब तीन साल पहले हुई पोस्टमार्टम जांच की रिपोर्ट के हवाले से एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि लोया की मृत्यु खून की धमनी की कार्यक्षमता कम होने की वजह से हुई थी. नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि सदर थाने में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत दर्ज मौत के मामले में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के फोरेंसिक विभाग से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद जांच समाप्त हो गयी थी.

अधिकारी ने कहा, "जज लोया की हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला." उन्होंने कहा, "हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट के मुताबिक, उनके शरीर में कोई विषैला तत्व नहीं मिला और डॉक्टरों ने मौत के कारण के रूप में कोरोनरी आर्टरी की काम ने करने की पुष्टि की, जिसके बाद जांच अधिकारी (आईओ) ने जांच को बंद कर दिया."

उनके मुताबिक, नागपुर दौरे में जज लोया के साथ रहे जजों ने उनके औरंगाबाद निवासी रिश्तेदार रुकमेश पन्नालाल जाखोटिया को सूचित किया था कि लोया को एक दिसंबर, 2014 को दिल का दौरा पड़ा था.

उन्होंने कहा, "जाखोटिया ने नागपुर के रविनगर निवासी डॉ प्रशांत राठी को अस्पताल जाने को कहा जिसके बाद डॉ राठी सुबह करीब छह बजे मेडिट्रिना अस्पताल पहुंचे. डॉ राठी ने जज लोया की पार्थिव शरीर लिया. पुलिस ने जांच के दौरान डॉ राठी और डॉक्टरों के बयान दर्ज किये थे.'

अधिकारी ने अपने पास उपलब्ध दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि लोया की पार्थिव शरीर को एक एंबुलेंस में लातूर जिले में उनके गांव गातेगांव भेजा गया और एंबुलेंस के साथ यातायात नियंत्रण शाखा के कांस्टेबल प्रशांत थावरे और दो जज भी अपनी कार से गए थे.