Sri Rama Sena President Siddalinga Swamy: कर्नाटक की स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को अंडोला में करुणेश्वर मठ के पुजारी के खिलाफ फैसला सुनाई है. कोर्ट ने श्री राम सेना के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धलिंग स्वामी को हेट स्पीच का दोषी ठहराया है. कर्नाटक पुलिस ने 2015 में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के मामले में यह फैसला दी है. बता दें कि स्वामी के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यादगीर के सिविल कोर्ट के न्यायाधीश रवींद्र होनोले ने सिद्धलिंग स्वामी को दोषी ठहराया.


दुश्मनी को बढ़ावा देने का मामला
कोर्ट ने अधिकारियों को सिद्धलिंग स्वामी की पृष्ठभूमि और इतिहास जमा करने का निर्देश दिया है. इसके आधार पर सजा की मात्रा तय की जाएगी. 2 जनवरी, 2015 को सिद्धलिंग स्वामी ने यादगीर के गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज ग्राउंड में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में भाषण दिया था. यादगीर पुलिस ने उनके खिलाफ धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में केस दर्ज किया था.जिसके बाद यादगीर के सिविल कोर्ट के जज रवींद्र होनोले ने फैसला सुनाया कि सिद्धलिंग स्वामी दोषी हैं.


हेट स्पीच क्या है?
अभद्र भाषा किसी किसी व्यक्ति या लोगों के समूह के प्रति शत्रुता का स्तर व्यक्त करता है. "हेट स्पीच" वाक्यांश भारत के किसी भी कानून में तकनीकी रूप से परिभाषित नहीं है. हालांकि, यह सामाजिक संदर्भ से पैदा हुआ एक शब्द है और किसी भी भाषण को संदर्भित करता है जो समाज के एक निश्चित वर्ग को अपमानजनक लगता है.भारतीय कानूनों में 'घृणित' और 'घृणित नहीं' के बीच के अंतर में अभाव है. जिससे यह हमारे संविधान में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे पर विवादास्पद मुद्दा बन जाता है.


विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषा, या क्षेत्रीय समूहों, जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता की भावनाओं को बढ़ावा देना भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत एक आपराधिक आरोप है. हाल के वर्षों में, हेट स्पीच का भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. इसने सामाजिक उथल-पुथल पैदा की है.


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