यूपी : 'नकली खून' का असली कारोबार, जानलेवा साबित हो रही है 'जिंदगी'
एबीपी न्यूज | 31 Jan 2017 05:14 PM (IST)
लखनऊ : रक्तदान को महादान कहा जाता है. यह भी प्रचार किया जाता है कि आपका रक्तदान किसी को जिंदगी दे सकता है. यह वास्तविक भी है और कई ब्लड बैंक हजारों जिंदगियों को बचाने की अपनी कोशिश में सफल भी होते हैं. लेकिन, यूपी में यही 'जिंदगी' जानलेवा साबित हो रही है. क्योंकि, काले कारोबारियों ने किया है बड़ा गोलमाल. रोगियों के परिजनों को नकली और दूषित खून बेचता था गिरोह उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के मेडिकल कालेज के सामने रोगियों के परिजनों को नकली और दूषित खून बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार करने का दावा किया है. जबकि बताया जा रहा है कि गिरोह का सरगना फरार हो गया है. यह जानलेवा है और पुलिस जांच में लगी है. यह भी पढ़ें : हिमाचल : सोलन सैन्य छावनी में ISIS के पोस्टर मिले, लोग भयभीत गर्भवती पत्नी को रविवार को अस्पताल में भर्ती करवाया था पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शिवराजपुर के राकेश ने अपनी गर्भवती पत्नी को रविवार को अस्पताल में भर्ती करवाया था. रविवार रात प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गयी और पत्नी आरती की हालत भी बिगड़ गई. तब डाक्टरों ने राकेश से ब्लड बैंक से एक यूनिट खून लाने को कहा. ब्लड बैंक के बाहर राकेश की मुलाकात कन्नौज के अजय से हुई. अजय ने कहा कि वह 2,800 रूपये में उसे एक यूनिट ब्लड दिला देगा अजय ने कहा कि वह 2,800 रूपये में उसे एक यूनिट ब्लड दिला देगा. राकेश ने उसे पैसे देकर ब्लड ले लिया. अस्पताल की जांच में खून नकली निकला. सोमवार को पुलिस को इसकी जानकारी दी गई. पुलिस के कहने पर राकेश ने फोन कर अजय को मेडिकल कालेज में बुला लिया. जैसे ही अजय वहां पहुंचा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान : लाहौर में नजरबंद हुआ भारत का गुनहगार हाफिज सईद इस खून पर जैसे ही डाक्टर की नजर पड़ी उसे शक हो गया पता चला कि इस खून पर जैसे ही डाक्टर की नजर पड़ी उसे शक हो गया. डाक्टर ने खून के जांच का निर्देश दिया और चौंकाने वाले परिणाम सामने आए. इसमें पता चला कि सेंपल में प्लेटलेट्स काफी कम थी और हीमोग्लोबीन भी मानक से बहुत ही ज्यादा कम था. अब इन सेंपल्स की जांच की जा रही है इसमें कई बीमारियां आदि भी हो सकती हैं. पता चला कि ये लोग पिछले कई सालों से यह काम कर रहे थे पूछताछ में उसके दो अन्य साथियों पिंटू गौतम और ज्ञान प्रकाश का पता चला, उन्हें भी पकड़ लिया गया. लेकिन, गिरोह का सरगना फरार हो गया. पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर के प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि नकली खून बेचने वाले गिरोह के सरगना की तलाश की जा रही है. पूछताछ में पता चला कि ये लोग पिछले कई सालों से यह काम कर रहे थे. यह भी पढ़ें : भोपाल : स्कूल में मनचलों की मरम्मत, छात्राओं ने चप्पलों से पीटा