लखनऊ/अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुराने करेंसी नोट नहीं बदल पाने से क्षुब्ध होकर एक महिला ने बड़ा कदम उठा लिया. खुद को आग लगाने वाली उस महिला मजदूर की नई दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गयी. वह दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करती थी.
परिवार के सूत्रों के मुताबिक घर में भुखमरी की स्थिति के बीच बैंक से 500 रूपये के छह पुराने नोट नहीं बदल पाने से वो क्षुब्ध थी. गत 20 नवम्बर को खुद को आग लगाने वाली रजिया की रविवार को दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गयी.
जिले के दिल्ली गेट इलाके के शाहजमाल क्षेत्र की रहने वाली रजिया का सबसे बड़ा बेटा अयान बमुश्किल नौ साल का है. उसका पति अकबर भी मजदूरी करता है. रजिया के परिजन परिवार की आर्थिक बदहाली के मद्देनजर पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जिले के वरिष्ठ अधिकारियों और सपा के जिलाध्यक्ष बाबा फरीद द्वारा प्रभावित परिवार को आर्थिक मदद का आश्वासन दिये जाने के बाद ही रजिया को सुपुर्द-ए-खाक किया जा सका था.
गत 20 नवम्बर को खुद को आग लगाने वाली रजिया ने जिला अस्पताल में संवाददाताओं को बताया था कि उसके चारों बच्चे पिछले तीन दिन से भूखे हैं. उसे किसी भी बैंक से रुपये बदलकर नहीं मिल पा रहे हैं. उससे ये हालात देखे नहीं जा रहे हैं, इसलिये उसने यह कदम उठाया है.