नई दिल्ली : सरकार ने लोकसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर में इस साल मारे गए आतंकवादियों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुणा वृद्धि दर्ज की गई है. पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं को यह आंकड़ा तिलमिला देगा. इसके साथ ही पाकिस्तानी कोशिशों को भी तगड़ा झटका लगाने वाला है.

हालांकि, भारतीय सेना के लिए भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जबकि सुरक्षा बलों के जवानों की मौत में इजाफा हुआ है. लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि इस वर्ष जम्मू कश्मीर में 140 आतंकवादी मारे गए जबकि पिछले वर्ष 46 आतंकवादी मारे गए थे.

आपकी 'पहचान चोरी' तो नहीं हुई ? आपके 'नाम' पर है कालाधन वालों की नजर

इस वर्ष आत्मसमर्पण करने वाले या गिरफ्तार किये गए आतंकवादियों की संख्या 76 थी. जो पिछले वर्ष की तुलना में सात गुणा अधिक है. पिछले वर्ष 10 आतंकवादियों ने आत्समर्पण किया या उनको गिरफ्तार किया गया.

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में 71 जवान शहीद हुए. जबकि, 2015 में 39 जवान शहीद हुए थे. 2014 में 47 जवान और 2013 में 53 जवान शहीद हुए थे. पाकिस्तान की ओर से आए आतंकियों ने दो बड़े कायराना हमले किए थे जिसमें शहीद होने वाले सैनियों की संख्या बढ़ी.

'अम्मा' के निधन के बाद सदमें में तीन की मौत, दो ने किया आत्महत्या का प्रयास

इसमें उरी और नगरोटा में हुए हमले खास हैं. इस बीच आतंकियों के मारे जाने से पाकिस्तान की खिसियाहट बढ़ी है. पिछले दिनों आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर उसे शहीद घोषित कर दिया था. पाकिस्तान की ओर से सीमा पर हमले भी बढ़े हैं.