पटना: सूबे के नियोजित शिक्षकों (Contractual Teachers) के लिए खुशखबरी है. अभी तक भविष्य निधि के दायरे से बाहर रहे शिक्षक अब पीएफ की श्रेणी में आएंगे. करीब 3.10 लाख नियोजित शिक्षकों को पीएफ के दायरे में लाने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य के एडवोकेट जनरल सुबोध कुमार नंदन ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है.

नियोजित प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की पीएफ की राशि 1 अप्रैल 2019 से काटी जाएगी. इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने पत्र जारी कर दिया है. पत्र के मुताबिक, सभी बैंकों को परिषद की ओर से विशेष खाता खोलने को कहा गया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए सरकार को अधिसूचना जारी करनी होगी.

सभी प्रकार के नियोजित शिक्षक आएंगे दायरे में -

अभी तक नियोजित शिक्षक सरकार की सामाजिक सुरक्षा स्कीम से बाहर थे. इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने पटना हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 17 सितंबर 2019 को आदेश पारित किया. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने सभी प्रकार के नियोजित शिक्षकों को इपीएफ का लाभ देने को कहा. साथ ही कोर्ट ने इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पटना क्षेत्रीय आयुक्त को दी.  इपीएफओ ने नियोजित शिक्षकों को पीएफ की सुविधा प्रदान करने को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को नोटिस जारी किया. और इसी का नतीजा है कि सूबे के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षक पीएफ के दायरे में आ गये हैं.

आपको बता दें कि हर महीने शिक्षकों के खाते से 1800 रूपये पीएफ में जमा किया जाएगा. जबकि राज्य सरकार पीएफ मद में 1950 रूपये का योगदान देगी. इसके अलावा नियोजित शिक्षकों को पेंशन और कर्मचारी डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (इडीएलआइ) का लाभ भी मिलेगा.


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