नई दिल्ली: केंद्र ने राशन दुकानदारों की शिकायत के आधार पर दिल्ली सरकार को एक बार फिर राशन को घर तक पहुंचाने के लिए योजना को लागू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शनिवार को यह दावा किया.


आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह भारतीय जनता पार्टी और राशन माफिया के बीच मिलीभगत का स्पष्ट मामला है. आप सरकार ने राशन को घर-घर तक पहुंचाने की योजना की फाइल मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को उनकी स्वीकृति के लिए तीसरी बार भेजी थी.


सरकार के सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को एक पत्र भेजकर इस योजना को ‘‘लागू नहीं करने’’ को कहा है. हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार की योजना को मंजूरी दी थी. जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने इस प्रस्ताव को एलजी के पास भेजा. हालांकि उन्होंने इस योजना पर मंजूरी नहीं दी. 


एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 72 लाख लोग सब्सिडी वाला राशन पाने के पात्र है इनमें 17 लाख राशन कार्ड धारक हैं. घर-घर योजना को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में काफी दिनों से विवाद चल रहा है. दिल्ली के केजरीवाल सरकार ने 25 मार्च साल 2021 से मुख्यमंत्री घर-घर योजना शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन इस योजना पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई. बाद में केजरीवाल सरकार ने इस योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटा लिया था लेकिन इसके बावजूद केंद्र और एलजी की ओर से मंजूरी नहीं मिल पाई. 27 सितंबर को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को डोरस्टेप राशन डिलिवरी योजना को लागू करने की अनुमति दी थी. 


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