इस सीरीज की फिल्म से उम्मीद ये होती है कि उसमें डबल मीनिंग जोक होंगे, कॉमेडी होगी जो कुछ लोगों को घटिया लगेगी लेकिन इसकी टारगेट ऑडियंस को मजा आएगा. ऐसी फिल्में कुछ लोग चुपके से एंजॉय भी कर लेते हैं लेकिन बोलते नहीं. इस फिल्म के डायरेक्टर मिलाप जावेरी की पिछली फिल्म एक दीवाने की दीवानियत ब्लॉकबस्टर रही. इसके बाद लोगों ने कहा कि दीवानियत के बाद हैवानियत होगी लेकिन अफसोस ये वो भी नहीं निकली. ये तो बोरियत निकली.

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कहानी

फिल्म के 3 हीरो रितेश ,विवेक आफताब अपनी पत्नियों से परेशान हैं, उनके दोस्त अरशद और नोरा उन्हें लव वीजा के बारे में बताते हैं. जिसमें 1 हफ्ता पति को कुछ भी करने की छूट होती है, फिर क्या होता है, ये देखने मत जाना थियेटर.

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कैसी है फिल्म

इस फिल्म के मेकर्स और एक्टर्स को पहले से पता था कि फिल्म ट्रोल होगी लेकिन ऐसी फिल्मों का एक टारगेट ऑडियंस होता है पर उनके लिए भी तो फिल्म में कुछ होना चाहिए, फिल्म शुरू होती है और आपको समझ नहीं आता क्या चल रहा है, जोक्स पर न हंसी आती है न गुस्सा, सेकेंड हाफ में थोड़ी बहुत हंसी आती है लेकिन वो काफी नहीं, काफी कट्स लगाए गए हैं, ट्रेलर में जो पहला ही सीन था उसके डायलॉग फिल्म में बदल दिए गए, तो A सर्टिफिकेट का क्या फायदा, ये एक एडल्ट कॉमेडी नहीं लगती, ये cringe भी नहीं लगतीज ये कुछ लगती ही नहीं, बस थोड़ा सा म्यूजिक और लोकेशन अच्छी हैं, कुल मिलाकर ये फिल्म आपका टाइम पूरी तरह बर्बाद होता है

एक्टिंग

रितेश ने अच्छी कोशिश की है इस बेजान फिल्म में जान डालने की लेकिन जब राइटिंग में दम नहीं होगा तो एक्टर क्या कर पाएगा. आफताब सबसे ज्यादा इंप्रेस करते हैं, उनका काम सबसे अच्छा है. विवेक ओवरएक्टिंग करते दिखे. तुषार कपूर ने ये क्यों की समझ से परे है. तीनों हीरोइनों का काम भी एवरेज है.

 राइटिंग एंड डायरेक्शन

फिल्म की राइटिंग काफी खराब है. फिल्म कहीं कुछ नहीं कर पाती. न हंसी दिला पाती है, न गुस्सा, मिलाप जावेरी का डायरेक्शन भी काफी कमजोर है. एडल्ट कॉमेडी से दिक्कत नहीं है लेकिन ऐसी खराब फिल्म से जरूर दिक्कत है.

कुल मिलकर ये फिल्म आपको बोर करेगी.

रेटिंग - 1.5 स्टार